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स्कूल का हाल बेहाल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
बिहार के गया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां गया जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था कितनी बदहाल है, इसका पूरा दृश्य देखने को मिला है. दरअसल, बोधगया प्रखंड के बतासपुर गांव में एक मिडिल स्कूल है, जहां कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की कक्षाएं एक ही कमरे में चलती हैं. अब एक कमरे में बैठे बच्चे एक साथ कैसे पढ़ते होंगे, यह एक बड़ा सवाल है? इस स्कूल में करीब 320 बच्चे नामांकित हैं, जिनमें रोजाना 40 से 50 बच्चे ही स्कूल आते हैं. स्कूल आने के बाद सभी कक्षाओं के बच्चे एक ही कमरे में बैठते हैं.
इसके साथ ही आपको बता दें कि, स्कूल में दो और कमरे बनाए गए हैं, लेकिन वह जर्जर हालत में हैं, जिससे बच्चे उस कमरे में बैठने से डरते हैं. इस वजह से सभी कक्षाओं के छात्र एक ही कमरे में बैठकर अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं. कक्षा कक्ष में विद्यार्थियों की पूरी ताकत पर स्कूल परिसर के बाहर पेड़ों का सहारा लिया जाता है. इसके साथ ही खुले आसमान के नीचे पेड़ों की छांव में या स्कूल परिसर में बने उपस्वास्थ्य केंद्र में बच्चों की कक्षाएं लगती हैं.
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ज्यादा बच्चे आने पर होती है परेशानी
आपको बता दें कि, सातवीं कक्षा की छात्रा सौम्या कुमारी का कहना है कि कक्षा एक से आठ तक के बच्चे एक ही कक्षा में बैठते हैं, जिससे पढ़ाई में दिक्कत होती है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि हर कक्षा के लिए अलग क्लास रूम बनाया जाए. इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य मोहम्मद जुबैर अहमद खान ने बताया कि, ''बच्चों को बैठने में काफी परेशानी होती है. एक ही कक्षा में सारे बच्चे बैठते हैं पर ज्यादा बच्चे के आने पर पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को बाहर पेड़ के नीचे या उपस्वास्थ्य केंद्र में ले जाया जाता है. वहीं, वर्ग 6 से 8 तक के बच्चों को इसी एक कक्षा में बैठा कर पढ़ाया जाता है. साथ ही पुराने भवन में दो कमरे हैं, लेकिन वह जर्जर हालत में है, जिससे वहां बच्चों को बैठने नहीं दिया जाता है.''
HIGHLIGHTS
- गया के इस स्कूल का हाल है बेहाल
- एक कक्षा में पढ़ते हैं एक से 8वीं तक के छात्र
- अब दिख रहा बच्चों का दर्द
Source : News State Bihar Jharkhand