Bihar New Cabinet: इसके बावजूद उनकी पार्टी ने 19 सीटें जीतकर दिखाया कि विश्वास सही जगह पर जताया गया था. दो मंत्रियों को पहले ही शपथ दिलाकर उन्हें और मजबूत संदेश दिया गया.
Bihar New Cabinet: चिराग पासवान ने अपने बयान में साफ तौर पर बताया कि उन पर लालच या अधिक मांग करने का आरोप बिल्कुल गलत है. वे कहते हैं कि जब वे अकेले सांसद थे और उनकी पार्टी को 2021 में तोड़ दिया गया था, तब उनके आसपास मुश्किल से कुछ ही लोग बचे थे. कार्यक्रम करना हो तो दस लोगों की व्यवस्था भी मुश्किल होती थी. ऐसे कठिन समय में भी उनके कुछ साथियों ने उनका साथ नहीं छोड़ा और जमीन पर काम जारी रखा.
इसलिए पीएम ने जताया भरोसा
इसी परिस्थिति में प्रधानमंत्री ने उन पर भरोसा जताया और उनकी एक सांसद वाली पार्टी को पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया. चिराग कहते हैं कि इन सीटों को जीतना सेकेंडरी है, असली बात यह है कि प्रधानमंत्री को यह विश्वास था कि वे जीत सकते हैं. यह भरोसा ही उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान था. बाद में वे पांच की पांच सीटें जीतकर इस विश्वास पर खरे उतरे.
ऐसा रहा संघर्ष
इसके आगे चिराग बताते हैं कि जब 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 29 सीटें दी गईं, तब पार्टी के पास एक भी विधायक नहीं था. इतना ही नहीं, जो विधायक पहले जीते भी थे, वे दूसरी तरफ चले गए थे. इसके बावजूद गठबंधन ने 29 सीटें दीं, जिनमें से 26 सीटें पहले हार चुकी थीं. इसके बावजूद उनकी पार्टी ने 19 सीटें जीतकर दिखाया कि विश्वास सही जगह पर जताया गया था. दो मंत्रियों को पहले ही शपथ दिलाकर उन्हें और मजबूत संदेश दिया गया.
चिराग का कहना है कि अगर इतनी विश्वास और समर्थन मिलने के बाद भी वे गठबंधन से और कुछ मांगें, तो वे खुद को नाशुकरा और लालची ही मानेंगे. उन्हें लगता है कि जो मिला है, वह उनके पिता रामविलास पासवान के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री के विश्वास का परिणाम है. इसलिए किसी बात का मलाल रखना या शिकायत करना उन्हें उचित नहीं लगता. उनके अनुसार, राजनीति में विश्वास और सहयोग की कीमत समझनी चाहिए. जो हासिल हुआ है, उसका सम्मान करना ही उनकी ज़िम्मेदारी है.
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