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बिहार: 3 से 6 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र, कैबिनेट ने किए कई महत्वपूर्ण फैसले

3 अगस्त को बिहार विधान मंडल (Bihar Legislature) की कार्रवाई शुरू होगी और 6 अगस्त को समाप्त कर दी जाएंगी.

Updated on: 04 Jul 2020, 07:37 AM

पटना:

बिहार में मानसून सत्र बुलाए जाने के निर्णय पर नीतीश मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैसला किया गया कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र काफी छोटा होगा. 3 अगस्त को बिहार विधान मंडल (Bihar Legislature) की कार्रवाई शुरू होगी और 6 अगस्त को समाप्त कर दी जाएंगी. इसमें कुल 4 बैठकें होंगी. बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में सत्र लंबा नहीं रखा गया है. साथ ही हमारी सरकार ने बिहार के विकास के लिए जो जिम्मेदारी बिहार की जनता ने दी थी, उसे पूरा कर लिया है. जो बचे हुए विधायी कार्य हैं उसे मानसून सत्र में पूरा किया जाएगा.

कैबिनेट की बैठक में एससी एसटी छात्रावास निर्माण के लिए 45 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई. चालू वित्त वर्ष में 9 करोड़ की राशि जारी करने की हरी झंडी मिली है. यह छात्रवास किशनगंज और फारबिसगंज में 560 बेड वाले बनेंगे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने 10th पास करने वाले छात्र-छात्राओं को नामांकन अवधि में विस्तार किया है. अब वे 31 दिसंबर 2020 तक हुए नामांकन करा सकेंगे.

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कैबिनेट ने 615 इंटर स्तरीय महाविद्यालयों की संबद्धता को 31 दिसंबर, 2020 तक विस्तारित कर दिया है. इसमें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से संबद्धता वाले अनुदानित 599 इंटर स्तरीय कॉलेज और 16 माध्यमिक विद्यालय संबद्ध हैं. इनकी मान्यता की निर्धारित अवधि 14 नवंबर, 2016 तक निर्धारित थी. इसे नवंबर, 2020 तक विस्तारित कर दिया गया.

इसके साथ ही कैबिनेट ने कई और महत्वपूर्ण फैसले किए. इसके तहत अनधिकृत रुप से रहने वाले सरकारी कर्मचारियों पर भारी जुर्माना लगाया गया है. राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मचारियों को यह जुर्माना देना होगा.अनधिकृत रूप से रहने वाले कर्मियों का जुर्माना 15 से बढ़ाकर 30 गुनाकर दिया गया है. कैबिनेट ने राजपत्रित अधिकारियों के सरकारी आवास में रहने को लेकर किराये की दर में संशोधन किया है.

बता दें कि पटना में मकान होने और यहां से तबादला हो जाने या रिटायरमेंट के बावजूद रहने की अवधि पंद्रह दिन बढ़ा दी गई है. इसके तहत अब कोई भी अधिकारी तबादला होने या रिटायर होने के बाद ज्यादा से ज्यादा 30 दिनों तक सरकारी आवास में रह सकेंगे. अब तक यह समय सीमा पंद्रह दिनों की थी. इसके साथ ही कैबिनेट ने 30 दिनों से अधिक की अवधि में रहने की दशा में बाजार दर से 30 गुना अधिक किराया वसूली का प्रावधान किया है.