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बिहार में मंत्रीजी की जगह पहुंच गए उनके भाई, अब मच रहा हंगामा

बैनर में उद्घाटनकर्ता के रूप में विभाग के मंत्री मुकेश सहनी का नाम लिखा हुआ था, लेकिन मंत्री यहां खुद नहीं आए और उनकी जगह उनके भाई संतोष सहनी पहुंच गए.

Updated on: 05 Mar 2021, 05:04 PM

highlights

  • बिहार में अब नीतीश कुमार के मंत्री ने किया अजब कारनामा
  • अपनी जगह भाई को भेज दिया सरकारी कार्यक्रम में
  • विधानसभा में हंगामा मचने पर सीएम ने दिए जांच के आदेश

पटना:

बिहार (Bihar) की राजनीति के रंग-ढंग निराले ही हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार के लिए उनके अपने ही ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं, जिससे सियासी घमासान मच रहा है. अब बिहार के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी की जगह पर एक सरकारी कार्यक्रम में उनके भाई संतोष सहनी के भाग लेने और लाभुकों को दी जाने वाली गाड़ियों की चाभी सौंपे जाने के मामले को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा में राजद के नेता भाई वीरेंद्र ने सरकारी कार्यक्रम में खुद न जाने के बदले अपने भाई को भेजने वाले मुकेश सहनी पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले में संज्ञान लेने की मांग की. इसे लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.

नीतीश कुमार ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने इस मामले के सामने आने के बाद खुद आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है. आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि मंत्री का भाई किसी सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन कर सकता है. उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट मंगाई जा रही है. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी. दरअसल यह मामला वैशाली जिले के हाजीपुर से जुड़ा है. हाजीपुर के अक्षयवट राय स्टेडियम में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा मत्स्य विपणन योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अति पिछड़ा जातियों के मत्स्य पालकों के लिए वाहन वितरण समारोह का आयोजन किया गया था.

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मंत्रीजी की जगह पहुंच गए भाई
कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर में उद्घाटनकर्ता के रूप में विभाग के मंत्री मुकेश सहनी का नाम लिखा हुआ था, लेकिन मंत्री यहां खुद नहीं आए और उनकी जगह उनके भाई संतोष सहनी पहुंच गए. सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति के बीच उन्होंने इस कार्यक्रम का ना केवल उद्घाटन किया बल्कि लाभार्थियों के बीच वाहनों का भी वितरण किया. इस मौके पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा तब उन्होंने कहा कि मंत्री की व्यस्तता के कारण उनके प्रतिनिधि के रूप में वे यहां उपस्थित हुए हैं. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अब तक मंत्री का कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन इसे लेकर विधानसभा और विधान मंडल में जमकर हंगामा हुआ.