Bihar Politics: तो इसलिए रोहिणी संजय यादव से नाराज हैं, देखिए

Bihar Politics: माना जाता है कि 2020 के चुनाव में 10 लाख नौकरियों के वादे की रणनीति भी संजय ने ही तैयार की थी, जिससे पार्टी को बड़ा फायदा मिला था. लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग दिखे.

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Yashodhan.Sharma
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Bihar Politics: माना जाता है कि 2020 के चुनाव में 10 लाख नौकरियों के वादे की रणनीति भी संजय ने ही तैयार की थी, जिससे पार्टी को बड़ा फायदा मिला था. लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग दिखे.

Bihar Politics:  बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के परिवार में मचा घमासान अब खुले तौर पर सामने आ गया है. विधानसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के अगले ही दिन लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का फूटा गुस्सा नए विवादों को हवा दे रहा है. रोहिणी ने पहले सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई और फिर कैमरों के सामने भी खुलकर अपने बयान दिए.

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रोहिणी ने कहा कि उनका अब कोई परिवार नहीं है और उन्हें जानबूझकर दूर कर दिया गया है. उनका सीधा आरोप है कि तेजस्वी यादव और उनके करीबी सलाहकार संजय यादव पार्टी और परिवार दोनों को नियंत्रित कर रहे हैं. रोहिणी का दावा है कि आरजेडी की हार के बावजूद तेजस्वी और संजय से सवाल पूछने की किसी में हिम्मत नहीं है.

लंबे से समय से संजय यादव रहे हैं आरोपी

संजय यादव पर यह आरोप लंबे समय से लगता रहा है कि वे तेजस्वी पर पूरी तरह हावी हैं और पार्टी के अहम फैसले उन्हीं की मर्जी से होते हैं. पिछले साल उन्हें राज्यसभा भेजे जाने के बाद पार्टी में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई. माना जाता है कि 2020 के चुनाव में 10 लाख नौकरियों के वादे की रणनीति भी संजय ने ही तैयार की थी, जिससे पार्टी को बड़ा फायदा मिला था. लेकिन इस बार हालात बिल्कुल अलग दिखे.

क्या यहां से शुरू हुई कलह

सितंबर में जब तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' शुरू हुई, तो रथ की फ्रंट सीट पर संजय यादव बैठे दिखे. इसी बात से रोहिणी खासा नाराज हुईं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि फ्रंट सीट सिर्फ टॉप लीडर के लिए होती है और किसी को भी खुद को उससे ऊपर समझने का हक नहीं है. इसके बाद रोहिणी को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, और कहा जाता है कि इसके पीछे भी संजय और उनके करीबी लोग सक्रिय थे.

और सोशल मीडिया पर किया अलफॉलो

नाराजगी बढ़ने पर रोहिणी ने तेजस्वी और अपने पिता लालू यादव दोनों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया. रोहिणी वही बेटी हैं, जिन्होंने 2022 में लालू को किडनी दान देकर उनकी जान बचाई थी. लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि लालू परिवार की बेटियां एक-एक कर घर छोड़ रही हैं और परिवार के भीतर गहरी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं. यह विवाद न सिर्फ आरजेडी की राजनीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि लालू परिवार की छवि पर भी बड़ा असर डाल रहा है.

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Lalu Yadav Tejashwi yadav Rohini Acharya
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