पैक्सों के कंप्यूटरकरण में बिहार सबसे आगे, मुहिम का पहला चरण जारी

बिहार के सभी पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने की मुहिम का पहला चरण फिलहाल जारी है, इस मुहिम में भारत का पहला स्थान है. 

बिहार के सभी पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने की मुहिम का पहला चरण फिलहाल जारी है, इस मुहिम में भारत का पहला स्थान है. 

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Mohit Saxena
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bihar on pacs Photograph: (social media)

बिहार राज्य के प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS - पैक्सों) को कंप्यूटरकृत करने की मुहिम के पहले चरण में अब तक 4 हजार 477 पैक्सों पूरा हो चुका है. इन पैक्सों में दैनिक क्रियाकलाप कम्प्यूटर के जरिए शुरू हो गया है. इनमें 292 पैक्स को ई-पैक्स घोषित किया जा चुका है. लाईव हो चुके पैक्सों में 2548 पैक्सों का सिस्टम ऑडिट कंप्लीट हो गया है. पहले चरण में पैक्सों को कंप्यूटरकृत करने की इस मुहिम में भारत का पहला स्थान है.

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सुगम और पारदर्शी बनाना संभव हुआ  

पैक्सों के कम्प्यूटरकृत होने से इसके कार्यों को सुगम और पारदर्शी बनाना संभव हुआ है. इससे सभी पैक्सों में रिकॉर्ड को सहेजने में काफी आसानी हुई है. इससे पैक्सों में अनियमितता और धोखाधड़ी पर रोक लगाना संभव होगा. पैक्सों के डाटा प्रबंधन में भी काफी आसानी हुई है. किसानों के रिकॉर्ड, ऋण, की जानकारी और अन्य वित्तीय आंकड़ों को डिजिटल रूप में संग्रहित करने में सहायता मिली है. 

विभागों से आसानी से जुड़ गए हैं

कम्प्यूटरीकरण के जरिए पैक्स अन्य सहकारी समितियों और सहाकरी विभागों से आसानी से जुड़ गए हैं. इससे वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिला है. अब किसानों के बैंक खाते में सीधे राशि पहुंच रही है. अब जल्द ही दूसरे चरण की प्रक्रिया आरंभ होने जा रही है. दूसरे चरण में शेष सभी पैक्सों को कंप्यूटरकृत करने की तैयारी है. 

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