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एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ सूखे की आशंका, भीषण गर्मी के बीच अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग

राजधानी पटना समेत प्रदेश में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है. पटना समेत तमाम जिलों में तापमान लगातार चढ़ रहा है. बढ़ती गर्मी के बीच उत्तर बिहार में बाढ़ और दक्षिण बिहार में सूखे से होने वाली बीमारियों की आशंका को देखते हुए.

Updated on: 11 Apr 2023, 06:06 PM

highlights

  • बिहार में एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ सूखे की आशंका
  • भीषण गर्मी के बीच अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
  • किसानों के लिए खास चेतावनी 

 

Patna:

राजधानी पटना समेत प्रदेश में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है. पटना समेत तमाम जिलों में तापमान लगातार चढ़ रहा है. बढ़ती गर्मी के बीच उत्तर बिहार में बाढ़ और दक्षिण बिहार में सूखे से होने वाली बीमारियों की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड पर आ गया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और लोगों को बाढ़ और सूखे से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए दो अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किए.

साथ ही आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जारी गाइडलाइन में कहा है कि, ''मानसून के साथ सूखे के दौरान लोगों को कई तरह की बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं. कभी-कभी ये रोग महामारी का रूप भी ले लेते हैं, इनकी रोकथाम के लिए अभी से ही प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि रोग न फैले और समय रहते इनका समुचित प्रबंधन, उपचार और नियंत्रण हो सके.''

जलजनित रोगों के लिए अनुशंसित उपाय

इसके साथ ही बता दें कि जारी गाइडलाइन में डीएम की अध्यक्षता वाली महामारी रोकथाम समिति को पिछले अनुभव के आधार पर जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उपचारात्मक और निवारक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है. बाढ़ पूर्व तैयारी के आकलन के लिए मॉकड्रिल कराने के साथ ही माह मई-जून माह तक संबंधित जिलों व क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के स्त्रोत चिन्हित करने के भी निर्देश दिए हैं. प्रभावित क्षेत्रों के लिए क्लोरीन की गोलियां और बड़े स्त्रोतों के पानी को शुद्ध करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मेडिकल टीम के गठन, दवाओं की उपलब्धता, सर्पदंश से बचाव के लिए एएसवीएस की उपलब्धता, नाव अस्पताल की व्यवस्था, अस्थायी अस्पताल आदि के दिशा-निर्देशों में भी निर्देश दिए गए हैं.

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साथ ही आपको बताते चलें कि अपर मुख्य सचिव के दिशा-निर्देश में सूखा प्रभावित क्षेत्रों को बीमारियों से बचाने के लिए डायरिया पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। जिलों को निर्देश दिया गया है कि डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस और एंटी-डायरियल दवाएं, जो दवाएं नहीं हैं, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें. इनकी आपूर्ति के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना निगम से संपर्क करें. पोषाहार की कमी को देखते हुए बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष दवाइयां उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं. विभाग ने सूखा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करने के आदेश भी जारी किए हैं.