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युवा ने खोली कृष-को डेयरी( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
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युवा ने खोली कृष-को डेयरी( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
बिहार के आरा से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप हैरान भी होंगे और खुश भी हो सकते हैं. दरअसल, बिहार का एक युवा स्टार्टअप कर एक लाख रुपये महीना कमाने के साथ-साथ एक दर्जन लोगों को रोजगार भी दे रहा है. बिहार में सबसे बड़ी दूध बेचने वाली कंपनी सुधा डेयरी है, लेकिन भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के पशुरामपुर गांव के प्रकाश तिवारी अपना ब्रांड कृष स्थापित कर घी-दूध, दही, लस्सी जैसे दुग्ध उत्पाद बना रहे हैं और इसको पूरे भोजपुर के बाजारों में वो सप्लाई कर रहे हैं.
साथ ही बता दें कि कोरोना काल में उन्होंने घर बैठे कृषक उत्पादक समूह बनाकर पशु आहार बनाना शुरू किया, लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद उनके मन में आया कि क्यों न दूध से बने उत्पादों को बनाकर बेचा जाए, तो उन्होंने अपने समूह के लोगों से सलाह-मशविरा कर योजना बनाई और डेयरी लगाने लगे. साथ ही प्रकाश ने कहा कि, ''चूंकि हमारा काम किसानों से जुड़ा है, इसलिए इसका नाम कृष-को भी रखा गया है.''
इस बजट से तैयार हुआ डेयरी फार्म
आपको बता दें कि इस बारे में प्रकाश तिवारी ने बताया कि, ''जब हमने प्लानिंग की और खर्चे जोड़े तो पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब एक करोड़ रुपए आ रही थी. इसके बाद मैंने भारत सरकार के डेयरी पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में कर्ज के लिए आवेदन किया. बिहार से आवेदन करने वाले हम ही कारोबारी थे. अप्लाई करने के बाद मेरा डॉक्यूमेंट सिलेक्ट हो गया, लेकिन लोन नहीं मिला तो हमने अपने पैसे से एक छोटे पैमाने पर डेयरी स्थापित की और मिल्क प्रोडक्ट बनाने लगे. इसके साथ ही आपको बता दें कि कृष-को डेयरी में एक दिन में 500 लीटर दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिसमें 500 लीटर दूध से दही, घी, लस्सी और दूध के पैकेट बना कर दो गाड़ी और 12 कर्मचारियों की सहायता से जिले के सभी छोटे बाजारों जैसे- सरैया, बेलवनिया, धोबाहा, आरा में भिजवाया जाता है. फिर धीरे-धीरे सुधा के बाद अब लोगों ने कृष-को ब्रांड पर विश्वास दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे एक महीने में एक लाख रुपए की सीधी बचत हो रही है.''
आगे और बढ़ाने की है प्लानिंग
आपको बता दें कि इस बारे में जब प्रकाश तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ''अभी दुग्ध उत्पाद छोटे पैमाने पर तैयार हो रहे हैं, इससे हमें परेशानी हो रही है, बाजार में मांग बढ़ रही है, लेकिन हम रोज उतना उत्पाद नहीं बना पा रहे हैं. इसलिए अब हम चाहते हैं कि सरकार ने जिस लोन के लिए आवेदन किया है, उसे मंजूरी दे दी जाए तो हम एक बड़ा सेटअप बनाकर बड़े स्तर पर एक उत्पाद बनाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृष-को ब्रांड को स्थापित हुए अभी एक साल ही हुआ है, इस एक साल में हम आरा के सभी बाजारों में पहुंच चुके हैं, सभी जगहों से डिमांड आ रही है. हालांकि, स्थानीय उत्पाद होने के कारण कई जगहों पर दिक्कतें भी आती हैं, लेकिन ज्यादातर जगहों पर स्थानीय उत्पाद होने का फायदा भी मिलता है.''
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand