बिहार: 'साइकिल गर्ल' ज्योति कुमारी के पिता की हार्ट अटैक से मौत, पिछले साल गुरुग्राम से लेकर गई थी दरभंगा
साइकिल गर्ल के नाम से मशहूर ज्योति पासवान के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई. ज्योति के पिता मोहन पासवान पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.
highlights
- ज्योति पासवान ने आठ दिनों में करीब 1,200 किमी की यात्रा की थी
- ज्योति अपने पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम से दरभंगा ले गई थी
- पिछले साल यातायात के सभी साधनों पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया था
दरभंगा:
साइकिल गर्ल के नाम से मशहूर ज्योति पासवान के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई. ज्योति के पिता मोहन पासवान पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. ज्योति के पिता की निधन की खबर मिलने के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है. ज्योति के घर पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हुई है, जो उन्हें सांत्वना दे रहे हैं. बता दें कि ज्योति उस वक्त सुर्खियों में आई थी, जब कोरोनावायरस महामारी की पहली लहर के दौरान वह अपने बीमार पिता मोहन पासवान को लेकर साइकिल पर सवार होकर गुरुग्राम से अपने पैतृक गांव सिरहौली पहुंची थीं.
Bihar: Father of 'Cycle girl' Jyoti died of cardiac arrest yesterday in Darbhanga
— ANI (@ANI) June 1, 2021
Jyoti had cycled around 1200 km carrying her injured father from Gurugram to their native place in Darbhanga amid #COVID lockdown, last year in May
(Visuals from last year) pic.twitter.com/wYtDi9mRoQ
पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान जब यातायात के सभी साधनों पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया था, उस वक्त ज्योति ने अपनी साइकिल के सहारे हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार तक जाने का फैसला लिया था. दरभंगा जिले में अपने गांव पहुंचने के लिए ज्योति ने आठ दिनों में करीब 1,200 किमी की यात्रा की थी. उस समय उनके पिता भी गंभीर रूप से बीमार थे.
और पढ़ें: सुपर 30 ने ज्योति को इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आमंत्रित किया
वहीं बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने ज्योति कुमारी की खबर शेयर करते हुए उसकी तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि धीरज और प्रेम के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीय लोगों और साइकिल फेडरेशन का ध्यान खींचा है.
इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, '15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर 1,200 किमी सफर तय करके गांव पहुंची. धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है.'
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