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Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं. इस चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होना है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य के हर बूथ को सुरक्षा कवच में समेट लिया गया है.
4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
चुनाव आयोग और गृह विभाग के अनुसार, मतदान प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए करीब साढ़े चार लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमें 1500 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र बलों की है, जो संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर निगरानी रखेगी. इसके अलावा बिहार पुलिस, बिहार विशेष सशस्त्र बल (BSAP), एसएसबी, और होमगार्ड के जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. ग्रामीण इलाकों में लगभग 1.5 लाख चौकीदारों को भी चुनावी जिम्मेदारी दी गई है.
बिहार पुलिस और विशेष बलों की सक्रिय भूमिका
केंद्रीय बलों के साथ-साथ 60 हजार बिहार पुलिस कर्मी, 30 हजार BSAP जवान, और 20 हजार से अधिक होमगार्ड चुनावी सुरक्षा में लगे हुए हैं. अन्य राज्यों से आई रिजर्व बटालियनों के 2,000 जवान और 19,000 प्रशिक्षु सिपाही भी मैदान में उतर चुके हैं. नदी किनारे और दियारा क्षेत्रों में घुड़सवार दल तैनात किए गए हैं, ताकि दुर्गम इलाकों में भी निगरानी बनी रहे.
#WATCH | Presiding officers hand over EVMs to the polling agents at a polling station in Patna.
— ANI (@ANI) November 5, 2025
In Bihar, polling will be held tomorrow for the first phase of Assembly elections in 121 constituencies spread across 18 districts.#BiharAssemblyElectionspic.twitter.com/XRweCGB2WW
वीवीआईपी सुरक्षा और त्वरित कार्रवाई टीम (QRT)
चुनाव के दौरान वीवीआईपी उम्मीदवारों और नेताओं की सुरक्षा के लिए प्रत्येक जिले में विशेष सुरक्षा पूल बनाया गया है. इसमें NSG-प्रशिक्षित जवानों को शामिल किया गया है. इसके अलावा, क्विक रिस्पांस टीम (QRT) गठित की गई है, जो किसी भी आपात स्थिति या सुरक्षा उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई करेगी. इस टीम में एटीएस और एसटीएफ के प्रशिक्षित कमांडो तैनात किए गए हैं.
सीमाओं पर सख्त निगरानी
चुनाव के दौरान बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए नेपाल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड की सीमाएं सील कर दी गई हैं. सीमा पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की विशेष टीमें तैनात हैं. असामाजिक तत्वों और अपराधियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
पहले चरण के मतदान को शांतिपूर्ण बनाने के लिए बिहार प्रशासन ने अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की है. सीमाओं की नाकाबंदी, दियारा क्षेत्रों में गश्त, और QRT जैसी विशेष टीमों की तैनाती इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में चुनाव को हिंसा और अव्यवस्था से मुक्त रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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