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सांकेतिक तस्वीर Photograph: (Social)
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सूबे की राजनीति का तापमान भी बढ़ता जा रहा है. इस बार चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच है. दोनों ही गठबंधन अब राज्य की महिला वोटर्स को रिझाने में पूरी ताकत झोंक चुके हैं. दरअसल, बिहार में करीब 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं, जो किसी भी दल की जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं. यही वजह है कि चुनावी घोषणापत्रों में महिलाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं.
सबसे पहले तेजस्वी यादव ने अपना घोषणा पत्र ‘तेजस्वी पत्र’ जारी कर महिलाओं के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया था. अब शुक्रवार, 31 अक्टूबर को एनडीए ने भी अपना चुनावी घोषणा पत्र ‘संकल्प पत्र’ पेश कर दिया है. इसमें साफ तौर पर दिखा कि एनडीए भी महिला वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश में है.
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर खास फोकस
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जारी किए गए इस संकल्प पत्र में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर खास फोकस किया गया है. एनडीए ने कहा है कि “महिलाओं की भागीदारी के बिना बिहार का विकास अधूरा है.”
1. महिला मिशन करोड़पति / लखपति दीदी योजना
इस योजना के तहत महिलाओं को 2 लाख तक की सहायता राशि मिलेगी. चिन्ह्नित महिला उद्यमियों को करोड़पति बनाने की दिशा में काम किया जाएगा.
2. मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना
एनडीए ने यह भी वादा किया है कि स्वरोजगार शुरू करने की इच्छुक महिलाओं को दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे दुकान, लघु उद्योग या सेवा कार्य शुरू कर सकें.
3. महिला उद्यमिता को बढ़ावा
संकल्प पत्र में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की बात कही गई है. सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में महिलाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बनेंगे.
क्या कहता है 'महागठबंधन' का घोषणा पत्र
इधर, तेजस्वी ने कहा है कि उनकी सरकार बनने पर महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा के मोर्चे पर नई ताकत दी जाएगी.
1. ‘माई-बहिन मान’ योजना
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि हर महिला के खाते में 2500 रुपये पहुंचेंगे. उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और वह 'परिवार की वित्त मंत्री' बनेंगी.
2. जीविका दीदियों को सरकारी दर्जा
महागठबंधन ने वादा किया है कि राज्य की जीविका दीदियों—जो फिलहाल स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए काम करती हैं, उनको अब नियमित सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर इन दीदियों को ₹30,000 मासिक वेतन और सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी. यह कदम महिलाओं को स्थायी आय और सम्मानजनक स्थिति दिलाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
3. महिला सुरक्षा और रोजगार पर फोकस
तेजस्वी यादव ने महिला सुरक्षा को लेकर कहा है कि हर जिले में महिला हेल्पडेस्क और विशेष महिला थाने सशक्त किए जाएंगे. साथ ही, महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ने के लिए ‘महिला रोजगार मिशन’ शुरू किया जाएगा.
अब सवाल यह है कि बिहार की महिलाएं किस पर भरोसा करेंगी, एनडीए के वादों पर या महागठबंधन के ‘तेजस्वी पत्र’ पर? इसका फैसला 6 और 11 नवंबर को होने वाले मतदान में ईवीएम में कैद हो जाएगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे.
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