Bihar Elections 2025: बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सब पहली बार मेट्रो का सफर कर रहे हैं. इसी बीच बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल भी तेज है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह मेट्रो सरकार के लिए चुनावी ‘गेम चेंजर’ साबित होगी?
पटना की धरती पर पहली बार मेट्रो की रफ्तार ने बिहार के विकास का नया अध्याय जोड़ दिया है. राजधानी पटना में मेट्रो की शुरुआत के बाद लोगों में उत्साह साफ देखा जा सकता है. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सब पहली बार मेट्रो का सफर कर रहे हैं. इसी बीच बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल भी तेज है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह मेट्रो सरकार के लिए चुनावी ‘गेम चेंजर’ साबित होगी?
हमारे संवाददाता उत्कर्ष कुमार ने मेट्रो में सफर करते हुए यात्रियों से बातचीत की. लोगों ने बताया कि मेट्रो चलना उनके लिए गर्व की बात है. गया से आए एक यात्री बोले, “हम सिर्फ मेट्रो में चढ़ने के लिए पटना आए हैं. ये विकास की पहचान है.” वहीं जहानाबाद से आए एक युवक ने कहा, “सरकार ने काम किया है, तभी तो आज मेट्रो में चल रहे हैं. एनडीए को ही वोट देंगे.”
शेखपुरा से आई एक महिला यात्री ने मुस्कुराते हुए कहा, “पहली बार मेट्रो में बैठी हूं, बहुत अच्छा लग रहा है. नीतीश कुमार ने काम किया है, इसलिए फिर उनकी सरकार आनी चाहिए.” कई यात्रियों ने बताया कि अब उन्हें दिल्ली या मुंबई जैसी सुविधाएं अपने ही राज्य में मिल रही हैं.
हालांकि कुछ युवाओं ने प्रशांत किशोर का भी नाम लिया और कहा कि वे नई राजनीति का चेहरा बन सकते हैं. एक फर्स्ट टाइम वोटर ने कहा, “हम तो पीके (प्रशांत किशोर) को वोट देंगे, क्योंकि अब युवाओं को मौका मिलना चाहिए.”
मेट्रो के तीन स्टेशन — भूतनाथ, ज़ीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल — पर यात्रियों की भारी भीड़ रही. लोग मेट्रो के अंदर सेल्फी लेते नजर आए. कई ने कहा कि यह बिहार के बदलते चेहरें की झलक है.
नालंदा से आए एक बुजुर्ग यात्री ने कहा, “मुख्यमंत्री का गृह जिला है, और नीतीश कुमार ने जो विकास किया है, वह साफ दिख रहा है. डबल इंजन की सरकार ही बिहार को आगे ले जाएगी.”
कुल मिलाकर, पटना मेट्रो सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि बिहार के विकास और आत्मविश्वास की नई तस्वीर बन गई है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मेट्रो की यह रफ्तार विधानसभा चुनाव में किस दल को राजनीतिक गति देती है.