Bihar: लालगंज में कैसी रहेगी बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी की राह, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

Ground Report: बातचीत के दौरान जब मुद्दों पर सवाल किया गया, तो बुजुर्ग ने बड़ी सहजता से जवाब दिया – 'हम लोग बस खुशहाल रहना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार ने योजनाओं के जरिए कुछ राहत दी है.

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Yashodhan.Sharma
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Ground Report: बातचीत के दौरान जब मुद्दों पर सवाल किया गया, तो बुजुर्ग ने बड़ी सहजता से जवाब दिया – 'हम लोग बस खुशहाल रहना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार ने योजनाओं के जरिए कुछ राहत दी है.

Ground Report: लालगंज विधानसभा क्षेत्र के एक ग्रामीण इलाके में चुनावी माहौल का दिलचस्प नजारा देखने को मिला. गांव के बीचोंबीच एक पेड़ के नीचे झूले पर बैठे बुजुर्ग सुरेश प्रसाद चुनावी चर्चा में शामिल हो गए. जब उनसे पूछा गया कि इस बार जनता किसे ‘झूला झुलाने’ वाली है, तो मुस्कुराते हुए बोले – 'जो काम करने वाला है, उसी को झुलाएंगे. बाकी समय बताएगा किसका माहौल है.'

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मत को लेकर आम जनता सतर्क

यह दृश्य बताता है कि गांव में अब भी आम जनता अपने मत को लेकर सतर्क है और जल्दबाजी में कोई राय नहीं बना रही. सुरेश प्रसाद ने बताया कि वे हर बार वोट डालते हैं और इस बार भी जरूर डालेंगे. उन्होंने कहा, 'वोट हमारा अधिकार है, लोकतंत्र का सबसे बड़ा अधिकार.' हालांकि जब पूछा गया कि वोट से क्या बदलाव आएगा, तो उन्होंने कहा – 'डालने से तो काम होगा, जीतेंगे तो असर दिखेगा.'

नीतीश सरकार को लेकर क्या बोले बुजुर्ग

बातचीत के दौरान जब मुद्दों पर सवाल किया गया, तो बुजुर्ग ने बड़ी सहजता से जवाब दिया – 'हम लोग बस खुशहाल रहना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार ने योजनाओं के जरिए कुछ राहत दी है. 'नीतीश जी दे रहे हैं, सब कुछ दे रहे हैं. औरतों को पैसा मिल रहा है.' उन्होंने यह भी माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का फायदा भी गांव तक पहुंच रहा है.

जब उनसे विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के वादे पर सवाल किया गया कि वे हर घर में सरकारी नौकरी देंगे, तो सुरेश प्रसाद ने मुस्कुराते हुए कहा – 'वो तब देंगे जब आएंगे, नहीं आएंगे तो क्या देंगे.'

पूरी बातचीत में एक बात साफ झलकती है कि ग्रामीण मतदाता इस बार चुपचाप सब कुछ देख-सुन रहा है. गांव के लोग अभी किसी एक पार्टी या नेता के पक्ष में खुलकर नहीं बोल रहे हैं. वे कहते हैं – 'समय बताएगा किसका पलड़ा भारी रहेगा.'

नेता जनता की उम्मीदों पर खरे उतरें- बुजुर्ग

झूले पर बैठा यह बुजुर्ग दरअसल जनता की मनःस्थिति का प्रतीक है जो चाहती है कि उसका जीवन खुशहाल हो, सुविधाएं मिले और नेता जनता की उम्मीदों पर खरे उतरें और अंत में, रिपोर्टर के झूला झुलाने पर हंसते हुए उन्होंने कहा, 'हम झूलते रहेंगे, और नेताओं को भी ऐसे ही झुलाते रहेंगे.'

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