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Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग इन दिनों जमकर सुर्खियां बंटोर रही हैं. इस बार 25 साल का रिकॉर्ड मतदान में टूटा है. बंपर वोटिंग ने न सिर्फ राजनीतिक दलों बल्कि लोगों में भी उत्साह भरने का काम किया है. हालांकि पहले ये खबर आई थी कि फर्स्ट फेज में 64 फीसदी वोटिंग हुई है वैसे तो ये आंकड़ा भी रिकॉर्डतोड़ था. लेकिन आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने अब फाइनल आंकड़े जारी किए हैं. इसके मुताबिक पहले चरण में 64 फीसदी नहीं बल्कि 65 प्रतिशत वोटिंग हुई है.
बिहार में इस बार मतदाताओं ने इतिहास रच दिया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी अंतिम डेटा के अनुसार, 6 नवंबर को हुए पहले चरण में 65.08 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. शुरुआती रिपोर्ट में यह आंकड़ा 64.66 फीसदी बताया गया था, लेकिन सभी बूथों से फाइनल इनपुट आने के बाद लगभग एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इस बार का मतदान उत्साह और सहभागिता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं और ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोगों ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया. आयोग के अनुसार, पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें करीब 3.75 करोड़ मतदाता शामिल थे.
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रिपोर्ट के आधार पर होते हैं शुरुआती आंकड़े
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि शुरुआती आंकड़े केवल प्रारंभिक रिपोर्ट पर आधारित होते हैं, और जैसे-जैसे सभी बूथों से डेटा आता है, प्रतिशत में मामूली बदलाव हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता का यह उत्साह लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है.
पिछले चुनावों से तुलना करें तो इस बार मतदान प्रतिशत में भारी उछाल देखने को मिला है. 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.29 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2024 लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा सिर्फ 56.28 प्रतिशत तक सीमित रहा. यानी इस बार लगभग 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसने 75 साल का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया.
इस जिले में हुई सबसे ज्यादा वोटिंग
वोटिंग पैटर्न के लिहाज से मुजफ्फरपुर जिला सबसे आगे रहा, जहां सर्वाधिक मतदान दर्ज किया गया. वहीं कुछ इलाकों में हल्की सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते थोड़ी देरी जरूर हुई, लेकिन कुल मिलाकर चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे. न कहीं हिंसा की खबर आई और न ही किसी बड़े विवाद की.
बता दें कि पहले चरण की समाप्ति के बाद अब सभी की नजरें 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर टिकी हैं. राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियां तेज कर दी हैं और प्रचार अभियान को नए सिरे से धार दी जा रही है. सभी पार्टियां अब शेष जिलों में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी हैं.
अंतिम परिणाम 14 नवंबर को आएंगे, जब यह तय होगा कि जनता ने किसके वादों पर भरोसा जताया और बिहार की सत्ता किसके हाथ में जाएगी. फिलहाल, पहले चरण की जबरदस्त वोटिंग ने इस चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है और यह साफ संकेत दिया है कि बिहार की जनता परिवर्तन और स्थिरता दोनों चाहती है.
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