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Bihar Giriraj Singh Photograph: (NN)
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं के बयानबाजी के दौर ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है. बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. अरवल में हुई एक चुनावी सभा के दौरान गिरिराज सिंह ने विशेष समुदाय को लेकर टिप्पणी की, जिसके बाद विपक्षी दलों ने उन्हें घेर लिया और माफी की मांग की है.
दरअसल, गिरिराज सिंह ने सभा में कहा कि “मैंने एक मौलवी साहब से पूछा कि क्या आपको आयुष्मान कार्ड मिला? उन्होंने कहा, हां मिला. फिर मैंने पूछा, क्या हिंदू-मुसलमान हुआ? उन्होंने कहा, नहीं हुआ. फिर मैंने पूछा, आपने हमें वोट दिया था? उन्होंने कहा, नहीं दिया.” गिरिराज सिंह ने आगे कहा, “जो किसी के उपकार को उपकार न माने, उसे क्या कहा जाए?” उनके इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
विपक्ष का पलटवार
गिरिराज सिंह के बयान के बाद आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू सहित कई दलों ने उन पर निशाना साधा. विपक्षी नेताओं ने कहा कि गिरिराज सिंह का यह बयान समाज को बांटने वाला है और चुनाव के दौरान ऐसी भाषा का इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, “गिरिराज सिंह को देश से माफी मांगनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें मंत्रिपद से हटाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो माना जाएगा कि वे सरकार की सहमति से बोल रहे हैं.”
गिरिराज सिंह की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद गिरिराज सिंह ने अपने बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ यह कहा कि सरकार ने गैस का चूल्हा दिया, हिंदू-मुसलमान नहीं देखा. आयुष्मान कार्ड दिया, किसी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ. लेकिन कुछ लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं.”
गिरिराज सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उनका मकसद किसी धर्म या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि यह बताना था कि केंद्र सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव सभी तक पहुंच रही हैं.
बीजेपी में फायरब्रांड छवि के नेता हैं गिरिराज सिंह
बता दें कि गिरिराज सिंह बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में से एक माने जाते हैं. पार्टी ने उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल किया है. हालांकि, उनके बयानों के कारण कई बार बीजेपी को सफाई देनी पड़ चुकी है.
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