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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. जैसे-जैसे चुनाव का वक्त पास आ रहा है राजनीतिक दलों की तैयारियां भी जोर पकड़ रही है. चुनाव आयोग ने भी SIR के बाद फाइनल लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट के बाद ईसी की टीम 4 और 5 तारीख को बिहार दौरे पर रहेगी. माना जा रहा है कि 6 अक्टूबर को चुनाव तारीखों का ऐलान हो सकता है. लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी खबर ने हर किसी का ध्यान खींचा है. दरअसल समाजवादी पार्टी के एक दो नहीं बल्कि 5 बड़े नेता बीते महीने यानी सितंबर के आखिरी दिनों में बाहर आए हैं. 10 दिन के अंदर सपा के पांच कद्दावर नेताओं के बाहर आने के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. खास तौर पर बिहार चुनाव से पहले इनके बाहर आने के पीछे चुनाव में पार्टी की जमीन मजबूत करनी की कोशिश भी बताई जा रही है.
ये सपा नेता बीते 10 दिन में जेल से आए बाहर
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ाती दिख रही है. इसके पीछे वजह है कि बीते कई दिनों से जेल में कैद उनके बड़े नेताओं की रिहाई. सितंबर के आखिरी पखवाड़ा सपा के लिए बेहतर साबित हुआ है. इस दौरान आजम खान, जुगेंद्र सिंह यादव, रामेश्वर यादव, इरफान सोलंकी और उमर अंसारी जेल से बाहर आए हैं.
23 महीने में हुई आजम की रिहाई, 34 महीने में आया इरफान सोलंकी
जेल बाहर आने वालों में सबसे बड़े नेता है आजम खान. आजम बीते 23 महीने से जेल में थे. आखिरकार 72 मामलों में जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई हुई. इसके बाद जुगेंद्र सिंह यादव और रामेश्वर यादव को तीन साल यानी 34 से 36 महीने बाद जेल से रिहा किया गया. सितंबर महीने की आखिरी तारीख को इरफान सोलंकी की भी जेल से रिहाई हुई तो उनका ढोल और नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया. बता दें कि इससे पहले मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को भी 39 दिन बाद जेल से बाहर आने में सफलता मिली.
बिहार चुनाव में 2 फीसदी से ज्यादा वोट प्रतिशत
बता दें कि समाजवादी पार्टी का बिहार में भी जनाधार है. माना जा रहा है कि इन कद्दावर नेताओं के जेल से बाहर आने के बाद बिहार चुनाव में सपा को जमीन मजबूत करने में मदद मिल सकती है. बता दें कि बीते बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों में समाजवादी पार्टी ने 2.52 फीसदी वोट हासिल किए थे. ऐसे में क्या इस बार इन बड़े नेताओं के साथ सपा एक बार फिर यादव वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हो पाएगी. इसका जवाब तो आने वाले नतीजों से ही साफ होगा. बहरहाल सपा के लिए इन नेताओं की रिहाई संजावनी का काम कर सकती है.
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