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बिहार इलेक्शन 2025 Photograph: (NN)
बिहार की सियासत का सबसे अहम दौर अब शुरू हो गया है. आज विधानसभा चुनाव के पहले चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग की जाएगी. यह चरण न केवल पूरे चुनाव की दिशा तय करेगा, बल्कि यह भी बताएगा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए अपनी पकड़ बनाए रख पाएगा या तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला महागठबंधन वापसी कर पाएगा.
इस चरण में कुल 1,314 उम्मीदवारों का भाग्य जनता के हाथों में है, जिनमें कई दिग्गज नेता और पहली बार मैदान में उतरने वाले नए चेहरे शामिल हैं. खास बात यह है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है, जो भले ही सीट न जीते, पर कई जगह मुकाबले का समीकरण बिगाड़ सकती है.
वोटरों की जंग और चुनावी गणित
पहले चरण में लगभग आधी विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, इसलिए इसे चुनाव का टोन सेट करने वाला राउंड माना जा रहा है. चुनाव आयोग ने सभी बूथों पर वेबकास्टिंग जैसी सख्त निगरानियां लगाई हैं ताकि मतदान पूरी तरह निष्पक्ष हो. जिन जिलों में वोटिंग होगी है, उनमें पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मुंगेर और दरभंगा जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं.
एनडीए, जिसमें भाजपा और जदयू शामिल हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और नीतीश कुमार की सुशासन छवि पर दांव लगा रहा है. वहीं महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) तेजस्वी यादव के युवा रोजगार के वादे के साथ मैदान में उतरा है. NDA का फोकस महिला वोटर और विकास की राजनीति है. महागठबंधन का फोकस युवाओं को रोजगार और नई उम्मीद है.
हाई प्रोफाइल सीटें, जहां सबकी नजर है.
राघोपुर (वैशाली)– तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है. वह यहां भाजपा के सतीश कुमार से मुकाबला कर रहे हैं. यह सीट तेजस्वी का गढ़ मानी जाती है.
तरापुर (मुंगेर)– उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी बनाम राजद के अरुण शाह. सम्राट चौधरी 15 साल बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए यह मुकाबला उनके राजनीतिक भविष्य का इम्तिहान है.
महुआ (वैशाली)– यहां तेजप्रताप यादव ने पिता लालू प्रसाद से अलग होकर अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) से मैदान संभाला है. दूसरी ओर राजद ने मुकेश कुमार रौशन को उतारा है. परिवारिक फूट ने इस सीट को दिलचस्प बना दिया है.
मोकामा (पटना)– बाहुबली राजनीति की सबसे बड़ी मिसाल अनंत सिंह (जदयू) जेल में रहते हुए भी अपनी सीट बचाने की कोशिश में हैं. कानून-व्यवस्था बनाम दबंग छवि यही इस सीट का असली मुद्दा है.
अलीनगर (दरभंगा)– भाजपा ने बड़ा दांव खेला है. लोकगायिका मैथिली ठाकुर को उतारकर पार्टी युवा और सांस्कृतिक भावनाओं को भुनाना चाहती है. उनका मुकाबला अनुभवी बिनोद मिश्रा (राजद) से है.
नतीजों से पहले की पहली झलक
पहले चरण की वोटिंग से यह अंदाजा लग जाएगा कि बिहार का रुख किस ओर है। 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. लेकिन शुरुआती चरण के रुझान यह साफ कर देंगे कि क्या नीतीश-मोदी फैक्टर एक बार फिर काम करेगा या तेजस्वी यादव की युवा लहर इस बार सत्ता की चौखट तक पहुंचेगी. खासकर महिला और पहली बार वोट डालने वाले युवा वोटरों की भागीदारी इस चुनाव का सबसे अहम संकेतक साबित होगी.
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