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Prashant kishor on assembly election Photograph: (Social)
Patna: जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जन सुराज का गठबंधन केवल बिहार की जनता के साथ है, किसी नेता या पार्टी से नहीं. मीडिया में चिराग पासवान और जीतनराम मांझी से बातचीत की खबरों को उन्होंने पूरी तरह अफवाह बताया.
गठबंधन पर क्या बोले प्रशांत किशोर
पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी अकेले सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों की पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी की जाएगी. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की राजनीति में आजकल गठबंधन सीटों की नहीं बल्कि 'लूट के बंटवारे' की लड़ाई बन गई है. उनका कहना था, 'बिहार को लूटने के लिए लड़ाई चल रही है. हर पार्टी चाहती है कि उसे ज्यादा सीटें मिलें ताकि भविष्य में वह सत्ता में रहकर राज्य को लूट सके. लेकिन हमारा गठबंधन जनता के साथ है, किसी दल से नहीं.'
#WATCH | Patna: On the Bihar Assembly elections, Jan Suraaj founder Prashant Kishor says, "... We will release the list of candidates on 9th October. Jan Suraaj has always said that we are not doing any alliance with any party. We will fight on 243 seats, and if the people bless… pic.twitter.com/qdFZYlQgxZ
— ANI (@ANI) October 7, 2025
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जो लोग जनसुराज को किसी दल से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे सिर्फ भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम जनता की ताकत से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, किसी दल की मदद से नहीं.
क्या हैं एनडीए के हाल
वहीं दूसरी ओर, एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है. गठबंधन के दो सहयोगी दल यानी कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के जीतनराम मांझी दोनों ही नाराज बताए जा रहे हैं. चिराग पासवान का दावा है कि बिहार में उनके पास करीब 11 प्रतिशत वोट बैंक हैं, जबकि पिछली बार उन्हें 6 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्होंने कहा, 'मैं हर सीट पर 20 से 25 हजार वोट प्रभावित कर सकता हूं, और मेरे पास हमेशा बाहर निकलने का विकल्प मौजूद है.'
उधर, जीतनराम मांझी भी लगातार अपने राजनीतिक विकल्प खुले रखे हुए हैं. दोनों नेताओं के बयानों से यह साफ है कि एनडीए में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है. ऐसे में प्रशांत किशोर का 'जनता के साथ गठबंधन' वाला बयान बिहार की राजनीति में नया संदेश दे रहा है कि वे पारंपरिक गठबंधनों से अलग राह चुन चुके हैं.
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