/newsnation/media/media_files/2025/11/06/jyoti-singh-2025-11-06-22-23-30.jpg)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार एक अलग तरह का प्रचार देखने को मिल रहा है. भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने रोहतास जिले की काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान संभाला है. यह सीट दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को मतदान के लिए निर्धारित है. ज्योति सिंह ने अपने चुनावी अभियान को जन-सहयोग से मजबूत बनाने का अनोखा तरीका अपनाया है उन्होंने क्यूआर कोड के जरिए लोगों से चंदा देने की अपील की है.
इंस्टाग्राम पोस्ट में किया भावनात्मक संदेश साझा
ज्योति सिंह ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें वह UPI क्यूआर कोड हाथ में लिए नजर आ रही हैं. पोस्ट में उन्होंने लिखा - राम और कृष्ण जैसे अवतारों को भी समाज से बहुत कुछ सहना पड़ा। मैं तो एक साधारण महिला हूं, जो तमाम आरोपों और कठिनाइयों के बावजूद लोगों की आवाज़ उठाने के लिए काराकाट से चुनाव लड़ रही हूं.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग उनके आंसुओं को भी नाटक समझते हैं, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं और समाज की आवाज को सशक्त करने के लिए राजनीति में कदम रख रही हैं.
जनता से मिल रहा है अपार समर्थन- ज्योति
अपने संदेश में ज्योति सिंह ने कहा कि उन्हें लोगों का असीम प्यार और समर्थन मिल रहा है. उन्होंने अपील की- 'चुनाव की इस मुहिम को और मजबूत करने में मेरा साथ दें. जो भी संभव हो, नीचे दिए गए क्यूआर कोड पर अपनी सहयोग राशि भेजें. मैं आपकी बेटी और बहन बनकर आपके द्वार पर खड़ी हूं.' ज्योति ने दावा किया कि वह पिछले चुनाव से लेकर अब तक काराकाट क्षेत्र से जुड़ी रही हैं और लोगों के सुख-दुख की सहभागी बनी रही हैं.
पवन सिंह और ज्योति के रिश्ते पर विवाद
राजनीतिक चर्चा के साथ-साथ पवन सिंह और ज्योति सिंह का वैवाहिक विवाद भी सुर्खियों में है। दोनों ने तलाक की अर्जी कोर्ट में दी हुई है. पिछले दिनों ज्योति ने आरोप लगाया था कि पवन सिंह के परिवार वाले उन्हें पति से मिलने नहीं दे रहे हैं और उनके साथ मानसिक प्रताड़ना की गई है. इस विवाद के बीच उनका चुनाव लड़ना अब राजनीतिक और व्यक्तिगत, दोनों ही स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है.
जन-सहयोग से राजनीति का नया प्रयोग
ज्योति सिंह का यह कदम बिहार की राजनीति में एक नया प्रयोग माना जा रहा है. क्यूआर कोड से चंदा जुटाने की पहल डिजिटल युग में पारदर्शिता और जन-भागीदारी का प्रतीक मानी जा रही है. वह न सिर्फ एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं, बल्कि इस चुनाव में महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल भी पेश कर रही हैं.
यह भी पढ़ें - Bihar Election: रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग से बदलेगा सियासी समीकरण, क्या इस बार इतिहास खुद को दोहराएगा?
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us