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Pawan Singh: बिहार में विधानसभा चुनाव के चलते सियासी हलचलें तेज हैं. यही नहीं कुछ नए समीकरण भी बनते दिखाई दे रहे हैं. बीते कुछ दिनों से चर्चा रहे भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल पवन सिंह की बीजेपी में वापसी के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है. पहले उनका पत्नी से विवाद बढ़ा फिर उन्होंने खुद ऐलान किया कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन अब चर्चा है कि पवन की जगह उनकी मां इस बार विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं.
कहां चुनावी मैदान में होंगी पवन सिंह की मां
चर्चा है कि पवन सिंह की मां आगामी विधानसभा चुनाव में काराकाट सीट से मैदान में उतर सकती हैं. हालांकि इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक समीकरण और समर्थकों की गतिविधियां इस ओर इशारा कर रही हैं.
पवन सिंह ने खुद को चुनाव से किया दूर, मां की उम्मीदवारी की चर्चा
लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काराकाट सीट से चुनाव लड़ा था और करीब 2.74 लाख वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे. उस वक्त उन्होंने कहा था कि यह चुनाव उन्होंने अपनी मां से किए गए वादे के कारण लड़ा था. अब जब उन्होंने खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है, तो माना जा रहा है कि यह वादा अब उनकी मां निभा सकती हैं.
स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. समर्थक पवन सिंह की मां को लेकर प्रचार में सक्रिय हो चुके हैं, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी शेष है.
ज्योति सिंह और प्रशांत किशोर की मुलाकात बनी चर्चा का विषय
वहीं, पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) के साथ हुई मुलाकात ने भी हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया पर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे भी राजनीति में कदम रख सकती हैं. हालांकि, दोनों ने ही चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि पवन सिंह का परिवार अब केवल फिल्मी नहीं, राजनीतिक मंच पर भी सक्रिय होता दिख रहा है.
बीजेपी में वापसी से बदला समीकरण
बता दें कि पवन सिंह की बीजेपी में वापसी से भोजपुर, रोहतास, भभुआ, बक्सर और औरंगाबाद जैसे जिलों की सियासत में हलचल है. इन इलाकों में उनका जनाधार मजबूत है और उनके समर्थकों की संख्या काफी अधिक है. उनके चुनाव लड़ने से उपेंद्र कुशवाहा जैसे बड़े नेता को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर बीजेपी में आने के बाद उन्होंने कुशवाहा से मुलाकात कर पुराने मतभेद खत्म किए हैं.
राजनीतिक जमीन तैयार, अब फैसला बाकी
पवन सिंह की मां की चुनावी संभावनाओं को लेकर जो माहौल बन रहा है, वह इस बात की ओर संकेत है कि भोजपुरी स्टार की लोकप्रियता अब राजनीतिक पूंजी में बदलने को तैयार है. सभी की नजर अब इस बात पर टिकी है कि बीजेपी उन्हें टिकट देती है या नहीं.
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