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बिहार चुनाव 2025 Photograph: (ANI)
बिहार विधानसभा चुनाव में अब 30 दिन से भी कम समय बचा है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन (RJD–Congress गठबंधन) अभी तक अपने मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर असमंजस में फंसा हुआ है. तेजस्वी यादव को आरजेडी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है, मगर कांग्रेस अब भी औपचारिक समर्थन देने से बच रही है.
कांग्रेस नेता के बयान मचाया खलबली
ताजा विवाद तब सामने आया जब कांग्रेस नेता उदित राज ने बयान दिया कि तेजस्वी यादव आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन इंडिया ब्लॉक की ओर से अभी कोई चेहरा तय नहीं हुआ है. यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा.
इस बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई. हालांकि आरजेडी या तेजस्वी यादव की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन कुछ हफ्ते पहले ही तेजस्वी ने साफ कहा था कि हम बिना चेहरा घोषित किए चुनाव नहीं लड़ेंगे.
कांग्रेस अब नहीं बनाना चाहती है जूनियर पार्टी
तेजस्वी यादव, जो लालू प्रसाद यादव के बेटे और दो बार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, 2020 के चुनाव में आरजेडी को 75 सीटें दिलाकर सबसे बड़ी पार्टी बनाए थे. इसलिए विपक्ष में उन्हें ही नितीश कुमार के सबसे सशक्त चुनौतीकर्ता के रूप में देखा जा रहा है. दूसरी ओर, कांग्रेस लगातार यह संकेत दे रही है कि वह बिहार में जूनियर पार्टनर की छवि से बाहर निकलना चाहती है. राहुल गांधी की कई यात्राएं और जन अधिकार यात्रा इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही हैं.
क्या आरजेडी और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेगी चुनाव?
हालांकि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच की नजदीकियां राजनीतिक मंचों पर दिखती हैं, मगर कांग्रेस ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया कि वह तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करती है या नहीं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की राज्य इकाई चाहती है कि अगर गठबंधन में बराबरी की स्थिति नहीं बनती, तो वह आरजेडी से अलग होकर चुनाव लड़ने पर भी विचार कर सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह असमंजस महागठबंधन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. वहीं भाजपा और जेडीयू इस स्थिति को विपक्ष की कमजोर एकता के तौर पर पेश कर रहे हैं.
दो फेज में होंगे चुनाव
बता दें कि बिहार में मतदान दो चरणों में होगा 6 और 11 नवंबर को, जबकि गिनती 14 नवंबर को होगी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस-आरजेडी आखिर में एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे, या फिर मुख्यमंत्री के चेहरे पर टकराव उन्हें चुनावी नुकसान पहुंचाएगा?
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