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बिहार : भाजपा प्रत्याशियों के चयन में नेता नहीं कार्यकर्ताओं का रहेगा दबदबा

बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अब अपने अपने प्रत्याशियों के चयन में जुट गए हैं.

Updated on: 24 Sep 2020, 03:47 PM

पटना:

बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अब अपने अपने प्रत्याशियों के चयन में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अब प्रत्याशियों की परखकर ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जो कार्यकर्ताओं के बीच में से हो और उसकी क्षेत्र में लोकप्रियता हो. भाजपा सूत्रों के मुताबिक आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन का स्वरूप पूरी तरह से बदल दिया है.

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भाजपा के एक नेता कहते हैं, 'भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ हैं. इसलिए पार्टी ने प्रत्याशियों का चयन कार्यकर्ताओं की मर्जी से करने का निर्णय लिया है.' भाजपा का मानना है कि मतदान केंद्र, शक्ति केंद्र, मंडल, जिला हर स्तर पर भाजपा का मजबूत सांगठनिक ढांचा खड़ा है, समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी है. पार्टी ऐसे लोगों को भी प्रत्याशी बनाने से बचने की कोशिश करेगी, जो दूसरे दलों से टिकट की चाह में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं.

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पार्टी नेता कहते हैं, 'प्रत्याशियों के चयन में देवतुल्य इन कार्यकर्ताओं की रायशुमारी को पार्टी इस बार पूरी तवज्जो देने वाली है. कार्यकर्ताओं से प्राप्त रायशुमारी के आधार पर ही उम्मीदवारों के नाम को प्रदेश से अनुशंसा मिलेगी.' भाजपा अपने लोकतांत्रिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं की मर्जी से ही उम्मीदवारों का चयन करेगी. सूत्रों का कहना है कि बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन की एक बैठक हुई है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए. इस बैठक में यह साफ निर्देश दिया गया है कि पार्टी 'पैराशूट' प्रत्याशियों से परहेज करे.

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