शिक्षा विभाग की लापरवाही, गोपालगंज में 15 फर्जी शिक्षकों का हुआ खुलासा
बिहार के शिक्षा विभाग में हर दिन नया खुलासा हो रहा है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक की निगरानी में, सक्षमता परीक्षा में गोपालगंज क्षेत्र में 15 फर्जी शिक्षकों का पता चला है. इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है.
highlights
- बिहार के शिक्षा विभाग की लापरवाही
- गोपालगंज में 15 फर्जी शिक्षकों का खुलासा
- अनदेखा कर रहे हैं शिक्षा विभाग का आदेश
Patna:
Bihar Hindi News: बिहार के शिक्षा विभाग में हर दिन नया खुलासा हो रहा है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक की निगरानी में, सक्षमता परीक्षा में गोपालगंज क्षेत्र में 15 फर्जी शिक्षकों का पता चला है. इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है और विभाग उन्हें दोबारा जांचने के लिए बुला रहा है. बिहार के शिक्षा विभाग में हर दिन नया खुलासा हो रहा है. अपर मुख्य सचिव केके पाठक की निगरानी में, सक्षमता परीक्षा में गोपालगंज क्षेत्र में 15 फर्जी शिक्षकों का पता चला है. इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है और विभाग उन्हें दोबारा जांचने के लिए बुला रहा है. दरअसल, विभाग द्वारा दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाए जाने पर ये शिक्षक उपस्थित नहीं हुए. विभाग ने इन शिक्षकों को दूसरा मौका देते हुए 15 अप्रैल से पहले दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया है. अगर अब ये शिक्षक उपस्थित नहीं होंगे तो इन्हें पूरी तरह से फर्जी मानते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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ऐसे मिले हैं 1051 शिक्षक
आपको बता दें कि इस खुलासे के साथ ही, शिक्षा विभाग ने बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में 1051 ऐसे शिक्षकों की सूची जारी की है, जिनके प्रमाण पत्रों में आपस में मिलता जुलता रोल नंबर पाया गया है. इन 1051 शिक्षकों को भौतिक सत्यापन के लिए बुलाया गया था, लेकिन 420 शिक्षकों ने इस प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. इन 420 शिक्षकों को भी दोबारा बुलाया गया है, और अब उन्हें 15 अप्रैल तक अपने कागजात के भौतिक सत्यापन के लिए उपस्थित होना होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ ने बताया कि यदि इन शिक्षकों ने 15 अप्रैल तक अपने कागजात का सत्यापन नहीं किया, तो उन्हें फर्जी मानकर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही, डुप्लीकेट चिन्हित शिक्षकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे जांच समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपने कागजात का भौतिक सत्यापन कराएं, अन्यथा उन पर विभागीय कार्रवाई होगी.
इसके साथ ही आपको बता दें कि यह खुलासा शिक्षा विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। फर्जी शिक्षकों की ताक़तों को खत्म करने और शिक्षा के क्षेत्र में सत्यनिष्ठता को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कठिन कदम उठाए जाने चाहिए. इससे न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि यह भी शिक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता को मजबूत करेगा. इस तरह के कदम सिर्फ फर्जी शिक्षकों को पकड़ने में मदद करेंगे, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था के लिए एक मानव संसाधन भी सिद्ध हो सकता है.
वहीं आपको बता दें कि इस तरह की कड़ी कार्रवाई से बिहार की शिक्षा प्रणाली को विश्वासनीयता और गुणवत्ता में वृद्धि का संकेत मिलेगा. यह शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बिहार के शिक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा और सकारात्मकता को लाने में सहायक हो सकता है.
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