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विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा( Photo Credit : Twitter/@BJP4Bihar)
एक बार फिर से बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर करारा हमला बोला है. विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से पूरे बिहार में अपराध की घटना बढ़ी है और सत्ता में बैठे लोग अपना स्वार्थ और महत्तवाकांक्षा की पूर्ति में लगे हुए हैं, सत्ता लोलुपता ने बिहार में कानून का राज समाप्त कर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति में बिहार दहक रहा है. पूर्णियां में हम 6 दिवसीय कार्यक्रम में हम बेगूसराय गए थे जहां पर नर संहार हुआ पांच लोगों को गोली मारी गई. तीन लोगों की मौत हो गई. जिनको ये गिरफ्तार कर रहे हैं वो तो सिर्फ मोहरे हैं.
उन्होंने कहा कि जेडीयू के एक बड़े लीडर के इशारे पर समीर की हत्या हुई और आशुतोष शाही की हत्या हुई. एक खासवर्ग और व्यापार से जुड़े लोगों को. शहर में चर्चा है और कई जनप्रतिनिधियों के द्वारा आशंका भी व्यक्ति की जा रही है कि सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच क्यों नहीं करा रही है? विजय सिन्हा ने कहा कि अगर सरकार मामले की उच्च स्तरीय जांच कराएगी तो उसके अपने ही फंसेंगे और उनका चेहरा उजागर होगा.
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शांति समिति की बैठक में शामिल होनेवालों पर होता है मुकदमा
विजय सिन्हा ने कहा कि हर बार त्यौहारों के समय में तनाव बढ़ता है. सरकार शांति समिति की बैठक थाने के अंदर कराती है. शीर्ष अधिकारी बैठते हैं, दोनों पक्ष के लोग बैठते थे. अब तो डर के मारे हिंदू लोग जाते ही नहीं है थाने क्योंकि कुछ होता है तो उन्हें ही आरोपी बना दिया जाता है. प्रशासन के लोग तुष्टिकरण की राजनीति में जब हंगामा होता है. रूट तय होने के बाद भी जब उसका उल्लंघन होता है तो दोनों पक्ष के कुछ लोगों खासकर जो शांति समिति में शामिल हुए रहते हैं उन्हीं के खिलाफ की एफआईआर होता है.
प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ क्यों नहीं दर्ज की जाती FIR-विजय सिन्हा
विजय सिन्हा ने आगे कहा कि प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं की जाती. इस पर जवाब देना चाहिए कि दोनों पक्षों का हस्ताक्षर लिया जाता है लेकिन प्रशासन अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा पाती. फोर्स और मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाती है लेकिन एफआईआर में फोर्स और मजिस्ट्रेट के खिलाफ क्यों नहीं दर्ज किया जाता? ताकि वो सही बता सकें कि वह ये बता सके किस वर्ग ने घटना को अंजाम दिया. पर्दे के पीछे उसे मौन रहने के लिए क्यों विवस किया जाता है इसपर भी सरकार को जवाब देना चाहिए.
हिम्मत है सीएम नीतीश में क्या...?
इससे पहले विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा भंग करके चुनाव कराने की चुनौती देते हुए कहा कि अगर चुनाव कराते हैं तो उनकी हार होगी. विजय सिन्हा ने कहा कि ऐसे लोग जो जनता का जनादेश नहीं प्राप्त कर सकता. सात पार्टी अब नहीं रहा. छह पार्टी हैं. अगर ताकत है तो बिहार विधानसभा को भंग करके चुनाव करा लीजिए. सत्ता से आपको जनता बाहर कर देगी. तीन उपचुनाव में जनता ने बता दिया है कि बिहार में सिर्फ बीजेपी का कमल खिलेगा और सारे लालटेन बुझ जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- विजय सिन्हा ने फिर बोला नीतीश सरकार पर हमला
- राज्य के कानून व्यवस्था को लेकर कसा तंज
- कहा-तुष्टीकरण की राजनीति में दहक रहा है बिहार
- शांति बैठक में शामिल होनेवालों पर हो जाता है FIR-विजय सिन्हा
Source : News State Bihar Jharkhand
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