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Bihar Bandh : सीएम नीतीश कुमार खामोश- तेजस्वी यादव नदारद, उठे सवाल

पूरे आंदोलन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. 

Updated on: 28 Jan 2022, 02:49 PM

highlights

  • बिहार बंद में छात्रों से अधिक विपक्षी दलों के कार्यकर्ता दिख रहे हैं
  • पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, औरंगाबाद में हंगामा 
  • रेल मंत्री ने आश्वस्त किया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा होगी

नई दिल्ली:

रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा (RRB NTPC) के रिजल्ट को लेकर बीते पांच दिनों से बिहार में उम्मीदवारों का प्रदर्शन जारी है. राजधानी पटना, गया और आरा में हिंसक प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को बिहार बंद बुलाया गया. छात्र संगठनों और विपक्षी दलों के साथ ही सत्तारूढ़ एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के समर्थन में हुए बिहार बंद में भी कई जगहों पर उपद्रव, तोड़फोड़, ट्रेनों में आगजनी जैसी घटनाओं की खबर सामने आई है. इस बीच पूरे आंदोलन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. 

रेल मंत्रालय की ओर से प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों की मांगों को मंजूर किए जाने और शंकाओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी बनाने के बावूजद हो रहे विरोध प्रदर्शन में छात्रों से अधिक विपक्षी दलों के कार्यकर्ता दिख रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुआई में महागठबंधन के घटक दलों के कार्यकर्ता ने पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, औरंगाबाद समेत बिहार के सभी छोटे-बड़े शहरों में जगह-जगह प्रदर्शन और हंगामा किया. राजद कार्यकर्ता और समर्थक भले ही सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन और हंगामा कर रहे हैं, मगर तेजस्वी यादव पिछले एक पखवाड़े से नदारद हैं. हाल ही में शादीशुदा हुए तेजस्वी यादव सोशल मीडिया और ट्विटर से भी दूर हैं. 1 जनवरी को नए साल की शुभकामनाएं देने के बाद से तेजस्वी यादव ने कोई ट्वीट नहीं किया है. 3 जनवरी को आखिरी बार उन्होंने एक रिट्वीट किया था. खुद को युवाओं के नेता के रूप में पेश करने वाले तेजस्वी की गैरमौजूदगी पर लोग सवाल उठाने लगे हैं.

सीएम नीतीश चुप, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह बोले

दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अब तक इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. 25 जनवरी से ही चल रहे आंदोलन को लेकर अब तक उनकी तरफ से कुछ नहीं कहा गया. ना तो उन्होंने छात्रों से शांति की अपील की है और ना ही उपद्रव पर कुछ प्रतिक्रिया दी है. उनकी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने गुरुवार को कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश में छात्रों का उग्र होना आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया और परिणाम में गड़बड़ी के खिलाफ प्रतिक्रिया है. रेलवे भर्ती बोर्ड की गड़बड़ियों को देखने के लिए जांच कमिटी बनाई गई है. उम्मीदवारों के साथ अतिशीघ्र न्याय की उम्मीद करता हूं. साथ ही उन्होंने खान सर से भी केस वापस लेने की मांग की थी.

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सुशील मोदी और खान सर ने की शांति की अपील

पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी  रेल मंत्री से बातचीत का हवाला देते हुए उम्मीदवारों को कहा कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को पूरा करने जा रही है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें आश्वस्त किया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी की परीक्षा के 3.5 लाख अतिरिक्त परिणाम ‘एक छात्र-यूनिक रिजल्ट’ के आधार पर घोषित किए जाएंगे. वहीं छात्रों को उकसाने के आरोप में एफआईआर झेल रहे और आरोपों से इनकार कर रहे खान सर इस आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे. हालांकि उन्होंने गुरुवार को वीडियो जारी कर छात्रों से बिहार बंद के दौरान दूर रहने और पढ़ाई पर ध्यान देने की अपील की. 

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