Bihar Assembly Election: बिहार में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपने-अपने समीकरण साधने में जुटे हैं. इसी बीच वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने न्यूज नेशन से बातचीत में कई बड़े दावे और बयान दिए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि इस बार बिहार की राजनीति में जनरेशन शिफ्ट हो रहा है और नई पीढ़ी के नेता जैसे तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और खुद वह इस बदलाव का चेहरा होंगे.
बिहार में जाति आधारित राजनीति
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में अब जाति आधारित राजनीति के साथ-साथ समाज के सबसे पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी और एनडीए सिर्फ एक वर्ग विशेष के लिए काम करती है, जबकि वीआईपी जैसे दल सामाजिक न्याय की असली लड़ाई लड़ रहे हैं.
नीतीश कुमार की सेहत को लेकर उठ रहे सवालों पर भी सहनी ने कहा कि अब वे पहले जैसे सक्रिय नहीं रहे और पार्टी पर भी दूसरे लोगों का कब्जा हो चुका है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेडीयू में अब नीतीश कुमार सिर्फ नाम के नेता रह गए हैं.
तेजस्वी यादव ने दी लाखों नौकरियां- मुकेश सहनी
तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए सहनी ने कहा कि उन्होंने डिप्टी सीएम रहते हुए लाखों नौकरियां दीं और जातीय गणना जैसी बड़ी पहल की. उन्होंने भरोसा जताया कि अगर तेजस्वी को मौका मिला तो बिहार में एक नई दिशा देखने को मिलेगी.
सहनी ने निषाद समाज की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में इस समाज को आरक्षण मिला है, लेकिन बिहार में अभी तक उनके हक की अनदेखी हो रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर महागठबंधन में वीआईपी को उचित सम्मान और सीटें नहीं मिलीं, तो वे अकेले चुनाव लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
60 सीटों पर लड़ने का ऐलान
मुकेश सहनी की पार्टी ने आगामी चुनाव में 60 सीटों पर लड़ने की घोषणा की है और डिप्टी सीएम पद की दावेदारी भी जताई है. हालांकि उन्होंने गठबंधन धर्म निभाने की भी बात कही, लेकिन साफ किया कि समुचित सम्मान नहीं मिला तो विकल्प खुले हैं.
निष्कर्षतः, बिहार की राजनीति एक बार फिर जातीय समीकरण, युवा चेहरों और सामाजिक न्याय के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है. आने वाले दिनों में सीट बंटवारा और गठबंधन की रणनीति तय करेगी कि कौन कितने पानी में है.