New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2023/12/22/brahmeshwar-mukhiya-52.jpg)
ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड( Photo Credit : फाइल फोटो)
बिहार के इतिहास में 1 जून, 2012 का दिन दर्ज है. जब अहले सुबह रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर सिंह यानी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या कर दी गई. सर्वणों, किसानों और मजदूरों के हिमायती ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई. इस हत्या के गवाह कई लोग बने. वहीं, रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में पूर्व MLC हुलास पांडे समेत 8 लोगों पर सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दायर किया. ब्रह्मेश्वर मुखिया की पॉपुलरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उनकी शव यात्रा निकाली गई तब प्रचंड गर्मी में भी राज्यभर से लाखों लोग इस यात्रा में शामिल हुए. बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर की गई है.
सेशन जज-3 के कोर्ट में दायर चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, जिसमें अभय पांडेय, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडे, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रीतेश कुमार उर्फ मोनू, प्रिंस पांडेय, बालेश्वर पांडेय और मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय का नाम शामिल है. सीबीआई के स्तर से दायर इस चार्जशीट में कहा गया है कि हुलास पांडेय ने सात अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या का षडयंत्र रचा था.
हुलास पांडेय समेत आठ लोगों पर आरोप
ब्रह्मेशवर मुखिया की हत्या राज्य के सबसे बड़े हत्याकांड में शामिल है. दरअसल, रणवीर सेना के सुप्रीमो की लोकप्रियता को देखते हुए विपक्ष डर चुके थे और इसकी वजह से ही प्लानिंग के तहत उनकी हत्या की गई. ब्रह्मेश्वर मुखिया अपने आरा निवास पर ही ज्यादातर रहते थे और वहीं रोज अपने घर के बाहर सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते थे. हर रोज की तरह ही 1 जून, 2012 को वो टहलने के लिए घर से बाहर निकले तो अचानक से उन पर अंधाधुन फायरिंग कर दी गई. उन्हें कुल 6 गोलियां लगी और मौके पर ही मौत हो गई.
जब उनकी हत्या की गई उस समय नीतीश कुमार बिहार के सीएम थे और वो विकास यात्रा पर निकले थे. उनकी यात्रा आरा में भी थी, लेकिन इस हत्याकांड की वजह से उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई. इस हत्याकांड के बाद सरकार व प्रशासन पर सवाल उठने लगे, जिसे देखते हुए पहले एसआईटी का गठन किया गया, लेकिन बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दी गई.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand