Bhagalpur News: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में मंगलवार सुबह आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान हुए मुठभेड़ में बिहार के नवगछिया के इस्माइलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भिठा गांव निवासी सेना के जवान संतोष कुमार (45) शहीद हो गए.
गांव में पसरा मातम
इस मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें संतोष कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. संतोष कुमार की शहादत की खबर से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. परिवार के लोग बदहवास हैं और गांव के लोग उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
2001 में बने थे भारतीय सेना का हिस्सा
परिजनों के अनुसार, संतोष कुमार वर्ष 2001 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और पिछले 23 वर्षों से देश की सेवा कर रहे थे. दो महीने पहले ही वे छुट्टी में घर आए थे और सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. वे अब अपने बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की देखभाल करना चाहते थे.
चार बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
संतोष कुमार चार बच्चों के पिता थे. उनकी बड़ी बेटी ने हाल ही में सीबीएसई 10वीं की परीक्षा पास की है. सबसे छोटा बेटा लव कुमार अभी सिर्फ पांच साल का है. शहीद की पत्नी गुड़िया देवी उस समय बच्चों को स्कूल भेजने की तैयारी कर रही थीं, जब उन्हें संतोष की शहादत की सूचना मिली.
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे संतोष
परिवार के लोगों ने बताया कि संतोष तीन भाइयों में सबसे बड़े थे और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी. उनके छोटे भाई अभिनव कुमार ने बताया कि संतोष ही परिवार की रीढ़ थे और उनके जाने से एक बड़ा सहारा छिन गया है.
पिता और मां की हालत भी बेहद नाजुक बनी हुई है. गांववाले और रिश्तेदार परिवार को ढांढस बंधाने में लगे हैं, लेकिन हर आंख नम है. इतना ही नहीं शहीद संतोष कुमार की शहादत को लेकर गांव में गर्व के साथ गहरा दुख भी व्याप्त है.
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