Bhagalpur Bridge Collapse: JDU विधायक का बड़ा खुलासा, बोले-मैंने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं माननीय मुख्यमंत्री से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करता हूं ताकि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो और स्ट्रक्चरल डिफेक्ट को भी दूर कर नये स्तर से इसका निर्माण हो.
highlights
- अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने का मामला
- JDU विधायक संजीव कुमार ने सरकार से की मांग
- 'मैं सीएम से उच्चस्तरीय जांच की मांग करता हूं'
- ताकि मामले में दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो- संजीव
Bhagalpur:
खगड़िया के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. संजीव कुमार का भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज निर्माणाधीन पुल फिर से गिरने पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं माननीय मुख्यमंत्री से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करता हूं ताकि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो और स्ट्रक्चरल डिफेक्ट को भी दूर कर नये स्तर से इसका निर्माण हो. इसकी जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर पेश की जाए. मैंने पिछले विधानसभा सत्र में भी इस पुल की गुणवत्ता पर प्रश्न उठाया था और इस विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से भी मिलकर इसकी क्वालिटी पर सवाल उठाया था.
लागत 1700 करोड़ रुपए
आपको बता दें कि भागलपुर के अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बन रहा पुल रविवार शाम को गिर गया था. देखते ही देखते पुल के चार पिलर भी नदी में समा गए थे. पुल का करीब 192 मीटर हिस्सा नदी में गिरा है. हादसे के समय मजदूर वहां से 500 मीटर दूर काम कर रहे थे. ये पहली बार नहीं है जब पुल का हिस्सा गिरा हो, पुल का कुछ हिस्सा पिछले साल भी गिर चुका है. आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी कर रही है. इसकी लागत 1700 करोड़ रुपए है. पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है. पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है. वहीं, सीएम ने घटना के बाद इसके जांच के आदेश दे दिए हैं.
विधायक डॉ संजीव ने क्या कहा
विधायक डॉ संजीव ने कहा कि पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को जानकारी दी थी. विधायक ने भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एक ही आईएएस के भरोसे कई विभाग क्यों हैं. बिहार में अधिकारियों और कंस्ट्रक्शन कंपनी के मिलीभगत का नतीजा है कि ऐसी घटनाएं घट रही है. मामले की न्यायिक जांच हो. मुख्यमंत्री को बताऊंगा कैसे अधिकारियों के कारण पुल बह रहे हैं. मुख्यमंत्री को खबर नहीं हो पा रही है. अधिकारी खेल कर रहे है. पिछली बार जो हिस्से गिरे थे, वे भी अब तक तैयार नहीं हुए. आखिर किस बात का इंतजार हो रहा था.
जानिए पुल का पूरा इतिहास
- 23 फरवरी 2014 को खगड़िया में पुल निर्माण के लिए रखी गई आधारशिला.
- 9 मार्च 2015 को सीएम नीतीश कुमार ने किया पुल निर्माण का शिलान्यास.
- मार्च 2019 तक पुल का निर्माण कार्य पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ.
- पुल निर्माण की समय सीमा मार्च 2020 तक बढ़ाई गई.
- दूसरी बार पुल निर्माण की समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2022 की गई.
- 30 अप्रैल 2022 को भागलपुर के साइड से पुल का स्ट्रक्चर नदी में पहली बार गिरा.
- 04 जून 20023 को खगड़िया की तरफ से पुल का दूसरा शिरा हुआ ध्वस्त.
- 4 साल में पूरा करने का था लक्ष्य, 8 साल में नहीं बनकर हुआ तैयार.
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