पहली बार बिहार में केला प्रदर्शनी सह परिचर्चा का आयोजन, जानिए क्या है खास
बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी की अहम भूमिका है, जिसमें बागवानी के क्षेत्र में केला एक प्रमुख फल है. केले के उत्पादन में बिहार एक अग्रणी राज्य है.
highlights
- कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी की अहम भूमिका
- राज्य स्तर पर एक प्लेटफार्म कराना चाहते हैं उपलब्ध
- अपशिष्ट पदार्थ को भी उपयोग में लाने की योजना
Patna:
बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी की अहम भूमिका है, जिसमें बागवानी के क्षेत्र में केला एक प्रमुख फल है. केले के उत्पादन में बिहार एक अग्रणी राज्य है. बिहार राज्य में आम के बाद केला दूसरी सबसे ज्यादा लोकप्रिय फल है. केला फल आम जनों के पोषण सुरक्षा पारिवारिक आमदनी के लिए स्रोत के साथ व्यापार का एक प्रमुख उत्पाद है. बिहार राज्य में कुल 3.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों की खेती की जाती है, जिसका उत्पादन 45.09 लाख मैट्रिक टन है. जिसमें केला की खेती 42.92 हजार हेक्टेयर में की जाती है, जिसमें 19.68 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन होता है. कृषि विभाग के द्वारा वन जिला वन क्रॉप के तर्ज पर वन मंथ वन क्रॉप पहल की शुरुआत की गई.
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राज्य स्तर पर एक प्लेटफार्म कराना चाहते हैं उपलब्ध
इसके तहत प्रत्येक माह राज्य के विशिष्ट वागनी फसल की प्रदर्शनी व परिचर्चा का आयोजन किया जाना है. इस पहल का प्रमुख उद्देश्य राज्य स्तर पर एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है, जहां उत्पादक कृषक, वैज्ञानिक, उद्यमी व क्रेता संबंधित फसल के विकास और कठिनाइयों के संबंध में निराकरण प्राप्त कर सके. पहल के तहत केला प्रदर्शनी-- सह -- परिचर्चा का आयोजन बिहार राज्य में पहली बार किया गया. जिसका उद्देश्य राज्य में उत्पादित विशेष प्रजाति के साथ क्षेत्रीय खास प्रजाति से लोगों को रूबरू कराना और बाजार की संभावना को तलाशना है. केला उत्पादक कृषक के बीच स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा बढ़ाने व फलों के भंडारण प्रसकरण, बाजार आदि से संबंधित नई-नई तकनीकी की जानकारी कृषि विभाग के इस केला प्रदर्शनी में किया गया.
अपशिष्ट पदार्थ को भी उपयोग में लाने की योजना
वहीं, किसानों को केला उत्पादन के बाद फसल कट जाने के बाद जो वेस्ट पदार्थ है, उसको कैसे उपयोग में लाया जाए, उसको लेकर भी जागरूकता की जा रही है. किसानों से सीधे संवाद किया जा रहा है कि आप इसका और अन्य जगह उपयोग कर सकते हैं. इस पेड़ से कई अन्य वस्तुएं बना सकते हैं, जो रोज मेहरा के जीवन में उपयोगी साबित होगा. यह तमाम चीज इस केला प्रदर्शनी में बताया जा रहा है कि वहीं इस परिचर्चा से विक्रेता और किसान के बीच सीधे संवाद हो सके. इसको भी सुनिश्चित किया जा रहा है. वहीं, अकेला प्रदर्शनी में तरह-तरह के केलो का भी प्रदर्शनी लगाया गया.
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