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Bihar News: मानदेय के बदले आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिल रही लाठियां, पुलिस से फिर हुई झड़प

डाकबंगला चौराहा पर जब प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस पहुंची तो आंगनबाड़ी सेविकाओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई.

Updated on: 08 Nov 2023, 03:37 PM

highlights

  • अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरी आंगनबाड़ी सेविका
  • पुलिसकर्मी और आंगनबाड़ी सेविका के बीच हुई झड़प
  • आंगनबाड़ी सेविकाओं पर छोड़ा गया वाटर कैनन
  • रणक्षेत्र बना पटना का डाक बंगला चौराहा

Patna:

पटना में लगातार दूसरे दिन भी अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है. पटना के डाक बंगला चौराहा पर काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध- प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. डाकबंगला चौराहा पर जब प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस पहुंची तो आंगनबाड़ी सेविकाओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए लाठियां चलाईं. जिसके बाद आंगनबाड़ी सेविकाओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग है कि उनका मासिक वेतन बढ़ाकर  25 हजार किया जाए ठीक वैसे ही आंगनबाड़ी सहायिका की भी मांग है कि उनका मासिक वेतन 18 हजार किया जाए.  

सड़क पर उतरी आंगनबाड़ी सेविका

आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि नीतीश सरकार ने बिहार में जो जातीय जनगणना का काम करवाया है. उसमें पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भी अपना योगदान दिया है, लेकिन इसके बदले में उन्हें सिर्फ लाठियां मिल रही हैं. आंगनबाड़ी सेविका ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं करती तब तक धरना- प्रदर्शन जारी रहेगा. आपको बता दें कि,  मंगलावार को बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश ने जातीय जनगणना सर्वे रिपोर्ट पेश की. सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार में पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोगें के साथ विकास के लिए नए तरीके से सुविधाएं दी जाएगी. जिसके बाद राजधानी की सड़कों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन छेड़ दिया. 

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पुलिसकर्मी और आंगनबाड़ी सेविका के बीच झड़प

आपको बता दें कि, मंगलवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं ने अपनी मांग को लेकर बिहार विधानसभा का घेराव किया था. जिसके बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. पटना के मुख्य चौक चौराहों पर भाारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी कई जगह पुलिस फोर्स तैनात है ताकि आंगनबाड़ी सेविका विधानसभा के पास प्रदर्शन ना करें. लोकतंत्र में हर किसी को सरकार के सामने अपनी मांग रखने का अधिकार है और आंगनबाड़ी सेविका भी यहीं कर रहे हैं, लेकिन जब किसी ने भी उनकी नहीं सुनी तो आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गई, लेकिन उसके बाद जो तस्वीरें सामने आई है वो कानून व्यवस्था को शर्मशार करने के लिए काफी है. महिलाओं पर लाठीचार्ज हुआ जोर जबरदस्ती की गई और उससे भी मन नहीं भरा तो आंगनबाड़ी सेविकाओं पर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया. आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग को लेकर राजनीतिक सियासत भी खूब गरमा गई है. अब सवाल यह उठता है कि अपने हक की आवाज उठाने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को आखिर कब तक पुलिस का डंडा खाना पड़ेगा.