43 साल बाद सूर्य-चंद्र ग्रहण के योग में हुआ मोरबी हादसा, जानिए दो ग्रहणों का असर
हाल ही में दीपावली के दूसरे दिन लोगों ने सूर्य ग्रहण देखा था और चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, दोनों को भी अशुभ माना गया है.
highlights
.43 साल बाद सूर्य-चंद्र ग्रहण के योग में हुआ मोरबी हादसा
.1979 में सूर्य-चंद्र ग्रहण के योग के समय टूटा था मोरबी का डैम
.सूर्य ग्रहण के बाद से दुनिया भर में हो रहे हैं हादसे
.सूर्य चंद्र ग्रहण योग से बचने के लिए करें हनुमान जी की आराधना
Patna:
हाल ही में दीपावली के दूसरे दिन लोगों ने सूर्य ग्रहण देखा था और चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, दोनों को भी अशुभ माना गया है. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को देव दीपावली के दिन लगने जा रहा है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2022 में यह अजीब संयोग बन रहा है कि सिर्फ 15 दिन के अंतराल में ही दो ग्रहण लग रहे हैं. 1979 में 22 अगस्त को सूर्य ग्रहण और 6 सितंबर को चंद्र ग्रहण हुआ था. ठीक ऐसा ही योग इस साल भी बना है. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण था और अब 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा. रविवार 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज टूट गया. उस समय पुल पर करीब 500 लोग थे, जो नदी में जा गिरे. इस हादसे में करीब 135 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 से पहले 1979 में भी मच्छु नदी का डैम टूटने से हादसा हुआ था, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे. 2022 और 1979 के इन दोनों हादसों में एक बात कॉमन है कि उस समय भी सूर्य और चंद्र ग्रहण हुए थे और इस साल भी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हो चुका है और 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा. ज्योतिष के ग्रंथ बृहत्संहिता में ग्रहण के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं. इस ग्रंथ में लिखा है कि जब-जब एक ही महीने में दो ग्रहण एक साथ होते हैं, तब-तब दुनिया में के हादसों की वजह से जनहानि होती है.
मंगल-शनि षडाष्टक योग
डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल 13 जनवरी 2023 तक वक्री रहेगा. शनि के साथ उसका पहले से बना षडाष्टक योग भी कुछ हद तक प्रभावित होगा. ज्योतिष शास्त्र अनुसार षडाष्टक योग का अर्थ है जब दो राशियों के बीच की दूरी का संबंध 6-8 हो जाता है. इस मंगल-शनि षडाष्टक योग के बनने से आपदा की संभावना बनी रहेगी. खासकर इस दौरान कई जातकों को कई परेशानियों और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही यह योग राष्ट्रों के बीच प्राकृतिक आपदाओं और आपसी विवादों को बढ़ाने का काम करेगा.
सूर्य ग्रहण के बाद से हो रहे हैं हादसे
अभी कार्तिक महीना चल रहा है और दीपावली के अगले दिन 25 तारीख को तुला राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था और 8 नवंबर को मेष राशि में चंद्र ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण के बाद से दुनिया भर में कई हादसे हो रहे हैं. बांग्लादेश में तूफान आया, साउथ कोरिया में हेलोवीन हादसा हुआ, सोमालिया में आतंकी हमला हुआ, फिलीपींस में पैंग तूफान आया, गुजरात के मोरबी में पुल टूट गया. इन सभी घटनाओं में हजारों लोगों की जान जा चुकी है.
1979 में भी हुए थे ऐसे ही हादसे
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 43 साल पहले 11 अगस्त 1979 को भी मोरबी में डैम टूटने से बाढ़ आ गई थी और हजारों लोग मारे गए थे. उस साल 22 अगस्त को सिंह राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था. इसके बाद 6 सितंबर को कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण हुआ था. अक्टूबर-1979 में फिलीपींस में तूफान आया था, जिसमें बड़ी जनहानि हुई थी. ठीक ऐसे ही हादसे 2022 में भी हो रहे हैं.
बृहत्संहिता के अनुसार दो ग्रहणों का असर
वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचाराध्याय में लिखा है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते हैं. एक ही महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है. सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं.
ग्रहण योग का पड़ेगा व्यापक प्रभाव
विश्व के नजरिए से देखा जाए तो इस दौरान ग्रहों के प्रभाव से दो राष्ट्रों के मध्य तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. राष्ट्र अध्यक्षों के मध्य वाक युद्ध की स्थिति बन सकती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के दृष्टिकोण से बड़ी नकारात्मक सूचना प्राप्त हो सकती है, लेकिन पद प्रतिष्ठा के लिए यह समय महिलाओं के लिए ठीक है. बौद्धिकता , नए अन्वेषण, व्यापारिक दृष्टिकोण से यह अवधि शुभ फल प्रदायक साबित होगा.
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भारतीय दृष्टिकोण से बात किया जाए तो स्वतंत्र भारत की कुंडली वृषभ लग्न एवं कर्क राशि की है. वृषभ लग्न के अनुसार सूर्य सुख के कारक होकर एवं शुक्र लग्न के कारक होकर राहु केतु शनि से पीड़ित होंगे. फलतः ग्रहण से तीन महीने तक की अवधि में आम जनमानस के स्वास्थ्य में अवरोध, सुख में कमी, नए रोगों का उत्पन्न होना, नए रोगों के आने से या होने से सुख में कमी होना, आपसी मतभेद मनमुटाव, राजनीतिक दलों में कटुता का भाव. बड़े वाहन की दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. भारतीय रुपए का ह्रास हो सकता है. व्यापारिक दृष्टिकोण से यह समय ठीक रहेगा. आर्थिक दृष्टिकोण से समय ठीक रहेगा एवं बौद्धिक दृष्टिकोण से भी यह समय उपयुक्त रहेगा.
शुभ-अशुभ प्रभाव
प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना है. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा. खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. मंगल-शनि षडाष्टक योग के कारण दुर्घटनाएं आगजनी आतंक और तनाव होने की संभावना. आंदोलन धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना है.
करें पूजा-पाठ और दान
ग्रहण के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.
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