बेटी की शादी में निमंत्रण देने का ये है अनोखा अंदाज, पूरा गांव कर रहा है तारिफ

शादियों का सीजन शुरू हो गया है. शादी का कार्ड अच्छा हो ये हर किसी का सपना होता है. अच्छे से अच्छे डिजाइन का कार्ड बनवाया जाता है, लेकिन बिहार के बगहा में लोगों को निमंत्रण भेजने का एक अनोखा तरीका देखा गया.

शादियों का सीजन शुरू हो गया है. शादी का कार्ड अच्छा हो ये हर किसी का सपना होता है. अच्छे से अच्छे डिजाइन का कार्ड बनवाया जाता है, लेकिन बिहार के बगहा में लोगों को निमंत्रण भेजने का एक अनोखा तरीका देखा गया.

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Jatin Madan
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कृषि वैज्ञानिक बेटी की शादी का निमंत्रण अनोखे तरीके से दिया जा रहा है.( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

शादियों का सीजन शुरू हो गया है. शादी का कार्ड अच्छा हो ये हर किसी का सपना होता है. अच्छे से अच्छे डिजाइन का कार्ड बनवाया जाता है, लेकिन बिहार के बगहा में लोगों को निमंत्रण भेजने का एक अनोखा तरीका देखा गया. शादी में कार्ड से निमंत्रण देने की परंपरा तो सभी निभाते हैं पर बगहा में कृषि वैज्ञानिक बेटी की शादी का निमंत्रण अनोखे तरीके से दिया जा रहा है. जहां लोगों को शादी में आने के लिए कार्ड नहीं बल्कि एक पौधा दिया जा रहा है.

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आंवले का पेड़ देकर लोगों को किया आमंत्रित
बगहा के रामनगर के खटौरी पंचायत की मुखिया स्मिता चौरसिया द्वारा बेटी की शादी में सभी को निमंत्रण पत्र के बदले एक आंवले का पेड़ देकर शादी में आने को निमंत्रित किया जा रहा है. अभी तक आप सब ने शादियों में निमंत्रण देने के लिए हल्दी, अक्षत, पुष्प या निमंत्रण पत्र देते हुए देखे होंगे, लेकिन पहली बार रामनगर खटौरी पंचायत के मुखिया ने अपनी पुत्री के शादी में इन सभी परंपराओं को बदलते हुए सभी को अपने हाथों से आंवले के वृक्ष के साथ ग्रमीणों एवं आपने रिश्तेदारों को आमंत्रित कर रही है.

घर-घर जाकर दिया जा रहा निमंत्रण
पौधे के साथ पूरे पंचायत में घर घर जाकर निमंत्रण दिया जा रहा है. वहीं, सभी से अपनी बेटी की शादी की लंबी उम्र की दुआएं भी मांगी. चौरसिया की बेटी की शादी में एक अनोखी पहल को देखते हुए ग्रामीणों ने इसकी सराहना की है.

पूरा देश हवा प्रदूषण की झेल रहा है मार 
मुखिया स्मिता चौरसिया ने कहा कि पूरा देश हवा प्रदूषण की मार झेल रहा है. दिल्ली से लेकर बिहार के महानगर में हवा प्रदूषित हो गई है और प्रदूषित हवा में लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है. मेरी बेटी तृप्ति विजय ने विश्व भारती विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन से एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है. उसके पहल पर मां स्मिता चौरसिया ने पर्यावरण संरक्षण के लिए शादी के कार्ड के बदले मेहमानों को पौधा देकर आमंत्रित करने का विचार दिया. उसने बताया कि शादी का कार्ड बनाने में पेड़ को काट कर कागज बनाया जाता है. जिससे पर्यवरण पर असर पड़ता है.

रिपोर्ट : राकेश कुमार सोनी

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HIGHLIGHTS

.आंवले का पेड़ देकर लोगों को किया आमंत्रित
.घर-घर जाकर दिया जा रहा निमंत्रण
.ग्रामीणों कर रहे हैं सराहना
.पूरा देश हवा प्रदूषण की झेल रहा है मार 

Source : News State Bihar Jharkhand

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