बिहार में शराबबंदी के बीच जब्ती में 16% इजाफा, अब औसतन हर महीने 77 हजार लीटर बरामद

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के नौ साल बाद भी शराब की तस्करी पूरी तरह से बंद नहीं हो पाई है. अब ऐसा हो गया है कि हर दिन तस्कर और शराब पकड़े जाते हैं.

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के नौ साल बाद भी शराब की तस्करी पूरी तरह से बंद नहीं हो पाई है. अब ऐसा हो गया है कि हर दिन तस्कर और शराब पकड़े जाते हैं.

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Ravi Prashant
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बिहार न्यूज Photograph: (ani)

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के नौ साल बाद भी शराब की तस्करी पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है. पुलिस के अनुसार जनवरी से अगस्त 2025 तक राज्य में हर महीने औसतन 77,540 लीटर शराब जब्त की गई है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है.

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जारी है शराब का कारोबार

पुलिस के निषेध विभाग के एडीजी अमित कुमार जैन ने सोमवार को बताया कि पिछले साल जनवरी से अगस्त के बीच औसतन 67 हजार लीटर शराब जब्त हुई थी, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 77 हजार लीटर से ज्यादा हो गया है.

97 परसेंट नष्ट की जाती है शराब

अब तक जब्त शराब का ब्योरा, जनवरी से अगस्त 2025 तक कुल 5,74,526 लीटर विदेशी शराब (IMFL) जब्त की गई. इसके अलावा 12,515 लीटर देशी शराब और 33,281 लीटर स्प्रिट भी पकड़ी गई. 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 2.75 करोड़ लीटर से ज्यादा शराब जब्त की जा चुकी है, जिसमें से 97 प्रतिशत नष्ट कर दी गई है. 

चुनाव से पहले चौकसी तेज

एडीजी ने बताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए पुलिस ने चौकसी और कड़ी कर दी है. शराब व अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए राज्य में 393 नए चेकपोस्ट बनाए जाएंगे. इनमें से 96 यूपी, 34 पश्चिम बंगाल और 46 झारखंड सीमा पर बनाए जाएंगे. राज्य के अंदर 176 संवेदनशील स्थान चिह्नित किए गए हैं. 

नेपाल सीमा पर सख्ती

शराब की तस्करी रोकने के लिए बिहार-नेपाल सीमा जिलों के बीच लगातार बैठकें की जा रही हैं. जुलाई 2025 तक 188 बैठकें हो चुकी हैं. जैन ने कहा कि नेपाल से होने वाली तस्करी पर लगाम कसने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं. 

साल 2016 में लिया था नीतीश कुमार ने फैसला

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की थी. सरकार का कहना था कि इससे घरेलू हिंसा और सामाजिक अपराधों में कमी आएगी. लेकिन शराब की तस्करी और अवैध कारोबार लगातार बड़ी चुनौती बने हुए हैं. शराबबंदी के बावजूद बिहार में अवैध शराब का धंधा जारी है। पुलिस की बढ़ी हुई कार्रवाई से जब्ती के आंकड़े जरूर बढ़े हैं, लेकिन तस्करी रोकने की चुनौती अब भी बरकरार है.

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