असम में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शुमार रूपज्योति कुर्मी ने थामा बीजेपी का दामन
पार्टी की आलोचना करते हुए, चाय समुदाय के नेता कुर्मी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने युवा नेताओं को सुनना बंद कर दिया है और अगर यही हालात रहे तो पार्टी का पतन तय है.
highlights
- कांग्रेस नेताओं में शुमार रूपज्योति कुर्मी ने थामा बीजेपी का दामन
- कुर्मी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने युवा नेताओं को सुनना बंद कर दिया है
- 126 सदस्यीय राज्य विधानसभा के हालिया चुनावों में कांग्रेस के कई बड़े नेता हार गए
गुवाहाटी:
एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में, चार बार के विधायक और असम के चाय बागान समुदाय के प्रमुख नेता रूपज्योति कुर्मी, जिन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी थी, वे सोमवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. सरमा ने बाद में एक ट्वीट में कहा, हम भाजपा परिवार में श्री रूपज्योति कुर्मी का स्वागत करते हैं. चाय-जनजाति समुदाय के एक प्रमुख नेता और 4 बार विधायक रह चुके कुर्मी हमेशा गरीबों के उत्थान और क्षेत्र के विकास के लिए काम करते रहे हैं. उनके अनुभव से भाजपा को काफी लाभ होगा. उनके लिए शुभकामनाएं.
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पूर्वी असम के धेमाजी जिले के गेरुकामुख में आयोजित एक समारोह में, पूर्व कांग्रेस नेता का भाजपा में स्वागत करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्मी के भाजपा में शामिल होने से चाय बागान श्रमिकों और अन्य क्षेत्रों के बीच पार्टी का आधार और मजबूत होगा. कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री रनोज पेगू, चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किशन सहित भाजपा के कई प्रमुख नेता और मंत्री भी मौजूद रहे.
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पार्टी की आलोचना करते हुए, चाय समुदाय के नेता कुर्मी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने युवा नेताओं को सुनना बंद कर दिया है और अगर यही हालात रहे तो पार्टी का पतन तय है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, राहुल जी परिवर्तन नहीं ला सकते, क्योंकि वह कांग्रेस के पतन के लिए जिम्मेदार हैं. हाल के राज्य चुनावों के परिणाम एक स्पष्ट संकेत हैं कि अगर कांग्रेस राहुल गांधी को महत्व देती है तो कांग्रेस पीड़ित रहेगी और पार्टी अपनी प्रासंगिकता खोती रहेगी.
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कुर्मी ने कहा कि उन्होंने असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी और अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद प्रमुख आदिवासी नेता ने कांग्रेस छोड़ दी है. कुर्मी को पार्टी से निष्कासित करने के बाद, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि कुर्मी पार्टी के वफादार कार्यकर्ता थे और पार्टी के कुछ फैसलों को लेकर उनके कुछ मुद्दे थे.
सैकिया ने कहा कि हालांकि कुर्मी की ओर से इस तरह से पार्टी छोड़ना सही नहीं है. 43 वर्षीय कुर्मी कांग्रेस के दिवंगत मंत्री रूपम कुर्मी के बेटे हैं. वह 2006 से पूर्वी असम के मरियानी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार निर्वाचित हुए हैं. कांग्रेस, जिसने 15 वर्षों (2001 से 2016) तक असम पर शासन किया, मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में 29 सीटों ही हासिल कर पाई. हालांकि पार्टी ने 2016 की तुलना में तीन अधिक सीटें प्राप्त की, लेकिन वह सत्ता में वापसी नहीं कर पाई. राज्य कांग्रेस प्रमुख बोरा के अलावा, 126 सदस्यीय राज्य विधानसभा के हालिया चुनावों में कांग्रेस के कई बड़े नेता हार गए.
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