Maharashtra News: दुनिया में आज भी ईमानदार लोगों की कमी नहीं है. हालांकि उनकी तादात अब कम हो गई है. क्योंकि जहां कुछ लोग छोटी-मोटी चीजों पर नीयत खराब कर देते हैं तो कुछ लोग लाखों रुपये मिलने के बाद भी उसे उसके मालिक तक पहुंचा देते हैं. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के ठाणे से सामने आया है. जहां एक अमेरिकी शख्स लाखों रुपये के सामान से भरा अपना बैग ट्रेन में भूल गया. लेकिन रेलवे के कर्मचारियों की मदद से उसका सामान मिल गया.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, अमेरिका के रहने वाले 44 वर्षीय एंथोनी डी कोस्टा हाल ही में भारत पहुंचे थे. वह लोकल ट्रेन से ठाणे के पड़ोसी जिले रायगढ़ जा रहे थे. जहां उनका परिवार रहता है. अपने परिवार से मिलने के लिए वह 29 सिंतबर को भारत पहुंचे थे. लेकिन लोकल ट्रेन से यात्रा करते समय वह अपने एक बैग ट्रेन में ही भूल गए. इस बैग में करीब 4.74 लाख रुपये मूल्य के अमेरिकी डॉलर और अन्य सामान रखा हुआ था. इस बैग के अलावा उनके पास दो और भी बैग थे, जिन्हें वह ट्रेन से उतरते वक्त ले गए, लेकिन कीमती सामान कैश से भरा हुआ बैट ट्रेन में ही भूल गए. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने मंगलवार को दी.
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बैग में रखे थे तीन पासपोर्ट और 4900 डॉलर
रेलवे अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी शख्स नेरल में ट्रेन से उतर गया. इस दौरान वह अपने साथ दो बैग ले गया लेकिन उसका एक बैग ट्रेन में ही छूट गया. इस बैग में तीन पासपोर्ट, 4,900 डॉलर और एक आईफोन सहित और भी कीमती सामान रखा हुआ था. डी कोस्टा जब ट्रेन से उतर गए और ट्रेन चली गई तब उन्हें अहसास हुआ कि उनका एक बैग को ट्रेन में ही छूट गया.
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रेलवे की हेल्पलाइन पर किया कॉल
उसके बाद उन्होंने तुरंत रेलवे हेल्पलाइन पर कॉल किया. कल्याण में रेलवे पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक पंधारी कांडे ने बताया कि ट्रेन पहले ही कर्जत (रायगढ़ में) पहुंच चुकी थी और मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) वापस जा रही थी, तभी उन्हे कॉल आई.
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अंबरनाथ में मिला सामान से भरा बैग
इस कॉल के आने के बाद उन्होंने ठाणे के बदलापुर में पुलिस को इस मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा, वे तुरंत ट्रेन में चढ़ गए और दो तीन डिब्बों की तलाशी ली. आखिरकार अंबरनाथ (ठाणे में) में पहुंचकर उन्हें ट्रेन में बैग मिल गया. उसके बाद जीआरपीए के जवानों ने डी कोस्टा को उनका सामान भरा बैग वापस कर दिया.अपना सामान वापस पाने के बाद डी'कोस्टा ने कल्याण जीआरपी कर्मियों को उनके मेहनती प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया.