T20 विश्व कप 2021 : BCCI को टैक्स देकर विश्व कप कराना चाहिए, किसने कही ये बात
अगर भारत सरकार टैक्स में छूट नहीं देती है तो इस विश्व कप के लिए बीसीसीआई को 906 करोड़ रुपये का टैक्स देना पड़ सकता है. अगर सरकार 10 फीसदी का भी राहत देती भी है तो भारतीय बोर्ड को फिर भी 227 करोड़ टैक्स देना होगा.
नई दिल्ली :
बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष किशोर रुंगटा का कहना है कि बोर्ड को केंद्र सरकार से करो में माफी की मांग को छोड़कर टैक्स देते हुए इस साल टी20 विश्व कप की मेजबानी करनी चाहिए. आईएएनएस ने कुछ दिन पहले फाइल अपनी खास रिपोर्ट में कहा था कि अगर भारत सरकार टैक्स में छूट नहीं देती है तो इस विश्व कप के लिए बीसीसीआई को 906 करोड़ रुपये का टैक्स देना पड़ सकता है. अगर सरकार 10 फीसदी का भी राहत देती भी है तो भारतीय बोर्ड को फिर भी 227 करोड़ टैक्स देना होगा.
यह भी पढ़ें : पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम मुश्किल में, दर्ज किया जाएगा मुकदमा
विश्व कप सिर्फ 10 महीने दूर है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को बैकअप के तौर पर रखा है. बीसीसीआई पहले हो दो डेडलाइन- 31 दिसंबर 2019 और 31 दिसंबर 2020 मिस कर चुकी है. अब उस पर यह फैसला करने का दबाव बढ़ गया है कि वह टूर्नामेंट की मेजबानी करना चाहती है या नहीं. एक अधिकारी ने कहा कि नई डेडलाइन फरवरी की है. वित्त मंत्रालय के पास बीसीसीआई की इस टी-20 विश्व कप में टैक्स में छूट की अपील लंबित पड़ी है. सरकार ने हालांकि इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.
यह भी पढ़ें : ब्रिस्बेन टेस्ट में भारत को लगा बड़ा झटका, बीच मैच से बाहर हुआ तेज गेंदबाज
साल 1998 से 2003 के बीच बीसीसीआई कोषाध्यक्ष रहे रुंगटा ने आईएएनएस से कहा, खेल इकाइयों से कर नहीं लिया जा रहा है. मुझे नहीं बता कि अभी बीसीसीआई टैक्स दे रहा है या नहीं लेकिन अगर वह सामान्तया टैक्स देता है तो फिर उसे टैक्स देकर इस साल टी20 विश्व कप की मेजबानी करनी चाहिए. रुंगटा ने कहा, बीसीसीआई को अभी भी टैक्स में छूट का प्रयास करना चाहिए जिससे कि उसे कुछ राहत मिल सके क्योंकि इससे बीसीसीआई के साथ-साथ भारत सरकार को भी फायदा है. मेरी समझ से बस यही एक इश्यू होना चाहिए और भारत को विश्व कप के आयोजन से पीछे नहीं हटना चाहिए.
यह भी पढ़ें : भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 300वें खिलाड़ी बने नटराजन, 100वां और 200वां खिलाड़ी कौन था?
उल्लेखनीय है कि रोचक बात यह है कि बीसीसीआई खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ के तौर पर मान्यता प्राप्त भी नहीं है. दो डेडलाइन मिस करने के बाद आईसीसी ने बीसीसीआई को दो विकल्प दिए हैं जो बीसीसीआई के लिए आखिरी लग रहे हैं. पहला है, टी-20 विश्व कप को यूएई में कराया जाए और दूसरा इस बात की गांरटी है कि अगर भारतीय बोर्ड टैक्स में छूट नहीं ले पाती है तो उसे टैक्स की जिम्मेदारी उठानी होगी जो कम से कम 226.58 करोड़ रुपये और ज्यादा से ज्यादा 906.33 करोड़ रुपये होगी. बीसीसीआई के सचिव जय शाह गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं और कोषाध्यक्ष अरुण कुमार धूमल वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई है. अनुराग पूर्व में बीसीसीआई अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वित्त मंत्रालय को ही इस पर फैसला लेना है और बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल रविवार को टैक्स से जुड़े मसले पर एक बार फिर विचार करेगी. रुंगटा ने कहा कि बीसीसीआई एक धनी बोर्ड है और उसे अगर जरूरत हुई तो टैक्स देकर विश्व कप का आयोजन करना चाहिए. बीसीसीआई के ताजातरीन बैलेंस शीट के मुताबिक उसके पास 15 हजार करोड़ के करीब की सम्पत्ति है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य