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Viswanathan Anand Birthday : शतरंज के बादशाह का जीवन, उन्हें मिले हैं ये बड़े अवार्ड 

आज शतरंज के बादशाह कहे जाने वाले विश्वनाथन आनंद का जन्मदिन है. 11 दिसंबर 1969 को उनका जन्म तब के मद्रास और अब के चेन्नई में हुआ था. विश्वनाथन आनंद ही ऐसे पहले खिलाड़ी थे, जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया.

Updated on: 11 Dec 2020, 11:54 AM

नई दिल्ली :

आज शतरंज के बादशाह कहे जाने वाले विश्वनाथन आनंद का जन्मदिन है. 11 दिसंबर 1969 को उनका जन्म तब के मद्रास और अब के चेन्नई में हुआ था. विश्वनाथन आनंद ही ऐसे पहले खिलाड़ी थे, जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया.  खास बात ये है कि विश्वनाथन आनंद ऐसे पहले खिलाड़ी थे, जिन्हें  इसके बाद पद्मश्री मिला था. उनके बाद से लगातार हर खेल से संबंधित खिलाड़ी को ये पुरस्कार मिल रहा है. वैसे तो विश्वनाथ आनंद शतरंज के माहिर खिलाड़ी के तौर जाने जाते हैं, लेकिन उन्हें लोग विशी के नाम से भी जाना जाता है. आनंद कुल पांच बार विश्व चैंपियन रहे. वे साल 2000, 2007, 2008, 2010, 2012 में विश्व चैंपियन बने थे. आनंद पहले ऐसे भी खिलाड़ी थे, जिन्हें साल 2010 में तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के लंच में न्योता दिया गया था. 

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विश्वनाथ आनंद को शतरंज के खेल में ले जाने में उनकी मां का बड़ा योगदान रहा है. आनंद जब मात्र छह साल के थे, तभी से वे इस खेल में आ गए और अपनी चालों से दूसरों को मात देने लगे थे. आनंद का नाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब उन्होंने साल 1991 में गैरी कोस्परोव को हराकर पहली बार अपनी छाप छोड़ी और पूरी दुनिया में लोग आनंद को जानने लगे. हालांकि इससे भी पहले साल 1988 में आनंद भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बन चुके थे. लेकिन दुनिया की नजरों में वे साल 1991 में ही आए. 

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हाल ही में विश्वनाथन आनंद ने एक अकादमी खोली है, इसका नाम उन्होंने वेस्टब्रिज आनंद अकादमी रखा है. इसके लिए आनंद ने पूरे देश से पांच खिलाड़ियों का सलेक्शन किया है. जिन्हें आनंद प्रशिक्षण देंगे. इसके साथ ही आनंद हर साल योग्य खिलाड़ियों का चयन करेंगे और विश्वस्तर पर शतरंज रैंकिंग में जगह बनाने के लिए मदद उपलब्ध कराएंगे. आनंद के नाम से एक ग्रह का भी नाम रखा गया है. इसे 4536 विशीआनंद नाम दिया गया है. आनंद ऐसे तीसरे ही खिलाड़ी हैं. आनंद ने माई बेस्ट गेम्स आफ चेज के नाम से एक किताब भी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने बारे में काफी कुछ खुद ही बताया है. 

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आनंद को मिले हैं ये बड़े पुरस्कर 
1985 में अर्जुन अवॉर्ड.
1987 में पद्मश्री पुरस्कार.
1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड.
2000 में पद्म भूषण अवॉर्ड.
2007 में पद्म विभूषण अवॉर्ड.
1987 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और नेशनल सिटीजंस अवॉर्ड.
1998 में आनंद की पुस्तक 'माई बेस्ट गेम्स ऑफ चेस' के लिए ब्रिटिश चेस फेडरेशन का 'बुक ऑफ द ईयर अवार्ड'.
1997, 1998, 2003, 2004, 2007, 2008 में चेस ऑस्कर अवार्ड