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Tokyo Olympics 2020 : किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने दिलाया भारत को सोना

भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट हैं. नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर की दूरी के साथ पहला स्थान हासिल किया.

Updated on: 07 Aug 2021, 05:56 PM

नई दिल्ली :

भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट हैं. नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर की दूरी के साथ पहला स्थान हासिल किया. 86.67मीटर के साथ चेक गणराज्य के याकुब वाल्देजूसरे स्थान पर रहे जबकि उनके ही देश के विटेस्लाव वेसेली मीटर के साथ कांस्य मिला. नीरज से पहले अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. अभिनव बिंद्रा ने हालांकि यह स्वर्ण निशानेबाजी में जीता था. टोक्यो में नीरज ने जो किया है वह ऐतिहासिक है क्योंकि इससे पहले भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स इवेंट्स में कभी कोई पदक नहीं मिला.

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नीरज चोपड़ा का जन्म हरियाणा के पानीपत में हुआ था. हालांकि उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई चंडीगढ़ में पूरी की. नीरज चोपड़ा इंडियन आर्मी के जेसीओ हैं. नीरज ने अपना पहला मेडल साल 2016 में पोलैंड में जीता था. बड़ी बात ये है कि नीरज चोप़ा एक किसान के बेटे हैं, उनके पिता किसान हैं.  नीरज चोपड़ा ने इससे पहले साल 2018 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. एशियन गेम्स में जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा पहले भारतीय हैं. हाल ही में साल 2018 में नीरज कंधे की चोट का शिकार हुए थे. इसके बाद भी साल 2021 में इंडियन ग्रांड प्री में उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा था. 

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भारत ने अबतक टोक्यो ओलंपिक में दो रजत और चार कांस्य  पदक जीते थे, लेकिन सोना अभी तक दूर था, लेकिन ओलंपिक खत्म होने से पहले नीरज चोपड़ा ने गोल्ड भी भारत को दिला दिया. अब भारत के कुल सात पदक अब तक हो गए हैं. नीरज ने क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप-ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई है. 23 वर्षीय नीरज ने ओलंपिक स्टेडियम में, ग्रुप ए क्वालीफिकेशन राउंड के अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंक 83.50 मीटर के ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग अंक को हासिल किया था तथा फाइनल में पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे. नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. जोहानेस ने भी हालांकि, 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था. नीरज ने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर के नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ अपने सीजन की शुरूआत की थी और इसके बाद फेडरेशन कप में 87.80 मीटर थ्रो के साथ एक और सराहनीय प्रदर्शन किया था.