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ओलंपिक में इतिहास रचने वाले नीरज ने मिल्खा सिंह को समर्पित किया गोल्ड मेडल

टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता उन्होंने ये मेडल देश के मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह को समर्पित कर दिया है. मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश: 1964 ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में मामूली अंतर से चूक गए थे.

Updated on: 07 Aug 2021, 07:24 PM

highlights

  • नीरज ने गोल्ड मेडल मिल्खा सिंह को समर्पित किया
  • ओलिंपिक 2020ः जैवलिन थ्रो में नीरज ने रचा इतिहास
  • 13 साल के गोल्ड मेडल के सूखे को नीरज ने किया खत्म

नई दिल्ली:

Tokyo Olympics 2020 Javelin throw final: भाला फेंक प्रतियोगिता में भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने इतिहास रच दिया है. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जैवलिन थ्रो फाइनल (Javelin throw final) मुकाबले में स्वर्ण पदक (Gold Medal) गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. नीरज चोपड़ा ने ये गोल्ड मेडल देश के मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह को समर्पित कर दिया है. मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश: 1964 ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में मामूली अंतर से चूक गए थे. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने इस साल 88.07 मीटर के प्रदर्शन के साथ ओलिंपिक में पहुंचे थे. 

भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट हैं. नीरज की इस सफलता के साथ भारत 1 स्वर्ण, 2 रजत और चार कांस्य के साथ टोक्यो ओलंपिक का समापन करेगा. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर की दूरी के साथ पहला स्थान हासिल किया. 86.67 मीटर के साथ चेक गणराज्य के याकुब वाल्देज दूसरे स्थान पर रहे जबकि उनके ही देश के विटेस्लाव वेसेली को 85.44 मीटर के साथ कांस्य मिला. नीरज से पहले अभिनव बिंद्रा ने 13 साल पहले बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. अभिनव ने हालांकि यह स्वर्ण निशानेबाजी में जीता था. यहां टोक्यो में नीरज ने जो किया है वह ऐतिहासिक है क्योंकि इससे पहले भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स इवेंट्स में कभी कोई पदक नहीं मिला.

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अभिनव बिंद्रा के तीन इवेंट के मौजूदा चैंपियन
बिंद्रा के नाम कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और ओलंपिक में पदक जुड़ गया है. वह तीनों इवेंट्स में मौजूदा चैम्पियन हैं. नीरज ने अपने पहले प्रयास में 87.03 की दूरी नापी और लीडरबोर्ड में पहले स्थान पर पहुंच गए. दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 भाला फेंका और लीडरबोर्ड पर खुद को मजबूत किया और एक लिहाज से पदक पक्का कर लिया. तीसरे प्रयास में हालांकि वह 76.79 मीटर की ही दूरी नाप सके. उनका चौथा प्रयास फाउल रहा. नीरज का पांचवां प्रयास भी फाउल रहा.

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ऐसा रहा मुकाबला
दूसरी ओर, जर्मनी के जूलियन वेबर ने पहले प्रयास में 85.30 मीटर की दूरी नापी और लीडरबोर्ड पर दूसरे स्थान पर काबिज हो गए. दूसरे प्रयास में हालांकि वह 77.90 मीटर की ही दूरी नाप सके. चेक गणराज्य केवेसेली ने हालांकि अपने तीसरे प्रयास में 85.44 मीटर की अपनी सीजन बेस्ट दूरी नाम वेबर को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. वेसेली का चौथा प्रयास नाकाम रहा और इसी बीच उनके ही देश के वाल्देज ने पांचवें प्रयास में 86.67 मीटर के सीजन बेस्ट दूरी के साथ वेसेली को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. वेबर पांचवें स्थान पर खिसक गए थे लेकिन वह भी पांचवें प्रयास में सीजन बेस्ट 85.30 मीटर के साथ चौथे स्थान पर आ गए.

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नीरज ने दिलाया ऐतिहासिक स्वर्ण
नीरज को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. उनका स्थान सुरक्षित था. अब उनका सामना सीधे वेसेली और वाल्देज से था. इन दोनों के अंतिम प्रयास नाकाम रहे और इसी के साथ नीरज को एक प्रयास के बिना ही स्वर्ण मिल गया. यह ऐतिहासिक स्वर्ण है. भारत ने इससे पहले एथलेटिक्स में कोई पदक नहीं जीता था लेकिन अब जब पदक आया तो वह सीधे स्वर्ण.