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पूर्व राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियन मनमीत सिंह वालिया का निधन, कनाडा में ली आखिरी सांस

मनमीत 1980 के दशक के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक थे और 1989 में हैदराबाद में पुरुष एकल फाइनल में एस श्रीराम को हराकर राष्ट्रीय चैंपियन बने थे.

Updated on: 12 May 2020, 03:52 PM

नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रीय टेबल टेनिस (Table Tennis) चैंपियन मनमीत सिंह वालिया (Manmeet Singh Walia) का कनाडा के मांट्रियल में सोमवार को निधन हो गया. वह पिछले लगभग दो साल से एएलएस (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) से पीड़ित थे. इस बीमारी में मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर की मूवमेंट पर असर पड़ता है. मनमीत 58 साल के थे. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं. वह अपने उपचार के लिए कोयंबटूर भी आए थे.

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मनमीत 1980 के दशक के सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक थे और 1989 में हैदराबाद में पुरुष एकल फाइनल में एस श्रीराम को हराकर राष्ट्रीय चैंपियन बने थे. वह 1981 से लगातार चार साल राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे लेकिन खिताब नहीं जीत पाए. एशियाई चैंपियनशिप 1980 में आठ बार के राष्ट्रीय चैंपियन कमलेश मेहता के साथ भारत के लिए पदार्पण करने के बाद वह कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेले. उस समय भारतीय टीम में मनमीत और कमलेश के अलावा मनजीत सिंह दुआ, बी. अरूण कुमार और वी चंद्रशेखर शामिल थे.

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भारतीय टीम को उत्तर कोरिया के खिलाफ 4-2 की बढ़त बनाने के बावजूद 4-5 से हार का सामना करना पड़ा था. मनमीत के साथ बिताए दिनों का याद करते हुए कमलेश ने कहा कि उन दिनों वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक थे. कमलेश ने कहा, ‘‘मैंने और उसने कोलकाता में एशियाई चैंपियनशिप में दौरान एक साथ पदार्पण किया था. उत्तर कोरिया के खिलाफ मनमीत, चंद्रा और अरूण को खेलने का मौका मिला था. मनमीत ने अपने दोनों मुकाबले जीतकर भारत को बढ़त दिलाई थी. भारत चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहा था.’’

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भारतीय टेबल टेनिस महासंघ के महासचिव एमपी सिंह ने मनमीत के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि यह पूरे टेबल टेनिस जगत के लिए दुखद लम्हा है. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खेलता था तो एक खिलाड़ी के रूप में मैंने उससे बात की थी और कुछ साल पहले जब वह दिल्ली आया था तब भी उससे मिला था. मैंने अच्छा दोस्त खो दिया.’’