logo-image

Gurpreet Singh: मैच में सिख प्लेयर का पटका उतरवाने पर अड़ा रेफरी, टीम ने खेलने से कर दिया मना

दरअसल, स्पेन के घरेलू टूर्नामेंट में Arratia C और Padura de Arrigorriaga टीम के बीच मुकाबला खेला गया था. इस मैच में अरातिया सी टीम के लिए 15 साल के सिख प्लेयर गुरप्रीत सिंह भी खेल रहे थे.

Updated on: 04 Feb 2023, 08:42 PM

नई दिल्ली:

Sikh Footballer Patka Controversy: स्पेन में एक फुटबॉल मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि खेल जगत में बड़ा विवाद खड़ा हो गया. एक फुटबॉल मैच के दौरान एक 15 साल के सिख खिलाड़ी को नियम का हवाला देते हुए उसका पटका उतारने के लिए कहा गया. इसके बाद साथी खिलाड़ी और स्टाफ ने अपने खिलाड़ी का साथ दोने का फैसला किया और पूरी टीम ने मैच खेलने से मना कर दिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर भी कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है और यूजर्स ज्यादातर खिलाड़ी को सपोर्ट कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: IND vs AUS: रविचंद्रन अश्विन से क्यों खौफ खाती है ऑस्ट्रेलिया? आंकड़े देख उड़ी है कंगारू टीम की नींद!

दरअसल, स्पेन के घरेलू टूर्नामेंट में Arratia C और Padura de Arrigorriaga टीम के बीच मुकाबला खेला गया था. इस मैच में अरातिया सी टीम के लिए 15 साल के सिख प्लेयर गुरप्रीत सिंह भी हिस्सा ले रहे थे. मगर मैच में रेफरी ने नियम का हवाला देते हुए गुरप्रीत सिंह से उनका पटका उतारने के लिए कहा. गुरप्रीत ने पटका उतारने से इनकार कर दिया, तो रेफरी अपनी  बात पर अड़ गया. इसी दौरान अरातिया टीम के खिलाड़ियों ने रेफरी को बताया कि यह पटका गुरप्रीत के धर्म से जुड़ा है. इसके बाद भी रेफरी बातों पर अड़ा रहा.

यह भी पढ़ें: IND vs AUS: डुप्लीकेट बॉलर से मदद, पिच में गड्ढे, भारत में जीतने के लिए कंगारू टीम की हथकंडे

इतना ही नहीं, विपक्षी टीम Padura de Arrigorriaga के खिलाड़ियों ने भी गुरप्रीत सिंह का सपोर्ट किया. उन्होंने भी रेफरी को कहा कि उसे इसी तरह खेलने दिया जाना चाहिए. मगर रेफरी ने दोनों ही टीम के खिलाड़ियों और स्टाफ की बात नहीं मानी. इसके बाद अरातिया टीम ने मैच ही खेलने से इनकार कर दिया. 

 
 
 
 
 
View this post on Instagram
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by sikhexpo.com ✪ (@sikhexpo)

रेफरी अपनी बात पर अड़ा रहा

अरातिया के अध्यक्ष पेड्रो ओरमजाबल ने कहा, 'वह (गुरप्रीत) कम से कम 5 साल से सामान्य रूप से मैच खेल रहा है. हमें कभी भी ऐसा कोई परेशानी नहीं हुई. पूरा माहौल गुरप्रीत के लिए अपमानजनक ऐसा था. साथी खिलाड़ियों ने रेफरी को समझाया, लेकिन रेफरी सिर्फ नियमों पर ही जोर देता रहा और गुरप्रीत को खेलने की अनुमति नहीं दी.' 

ओरमजाबल ने कहा, 'फिर साथी प्लेयर्स ने एकजुटता दिखाते हुए मैदान छोड़ने का फैसला किया. गुरप्रीत को विपक्षी टीम का भी सपोर्ट मिला, लेकिन रेफरी ने कोई बात ही नहीं सुनी.' बता दें कि फीफा के एक नियम के मुताबिक पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी किसी मैच के दौरान पगड़ी पहन सकते हैं.