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Tokyo paralympic 2021:  बैडमिंटन मैच का उद्घाटन करने गए तो खेलने भी लगे, जीत लिया पैरालंपिक सिल्वर

बैडमिंटन में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले डीएम सुहास एलवाई (DM Suhas LY) की कहानी कुछ ज्यादा ही रोमांचक है. डीएम सुहास एलवाई भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो आईएएस अधिकारी भी हैं और पैरालंपिक में पदक भी जीता है.

Updated on: 05 Sep 2021, 02:35 PM

highlights

  • गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई की अजब कहानी
  • 2005 में हो गया था पिता का देहांत, खुद तैयारी कर बने आईएएस
  • पीएम, सीएम और राष्ट्रपति ने दी जीतने पर बधाई 

नई दिल्ली :

यूं तो टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo paralympic 2021) में मेडल लाने वाला भारत का हर खिलाड़ी अद्भुत है लेकिन पैलांपिक के अंतिम दिन बैडमिंटन में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले डीएम सुहास एलवाई (DM Suhas LY) की कहानी कुछ ज्यादा ही रोमांचक है. डीएम सुहास एलवाई भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो आईएएस अधिकारी भी हैं और पैरालंपिक में पदक भी जीता है. कमाल की बात ये है कि गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास को बचपन में क्रिकेट से बहुत प्रेम था. उन्होंने कभी  बैडमिंटन पर बहुत ध्यान नहीं दिया. डीएम बनने के बाद उनकी पोस्टिंग आजमगढ़ में थी. इस दौरान उन्हें एक बैडमिंटन टूर्नामेंट में उद्घाटन के लिए बुलाया गया. उद्घाटन के बाद खेलप्रेमी सुहास का मन हुआ कि वह भी खेलें तो उन्होंने आयोजनकर्ताओं से अनुमति मांगी. अनुमति मिलते ही उन्होंने खेलना शुरू किया तो कई खिलाड़ियों को हरा दिया. यहां पर बैडमिंटन कोच गौरव खन्ना ने उन्हें देखा और आगे खेलने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद तो सुहास ने सफलता की झड़ी लगा दी. न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक बटोरने लगे. 2016 में चीन में एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले वह पहले नॉन रैंक्ड खिलाड़ी थे. इसके बाद तुर्की और ब्राजील में अलग-अलग प्रतियोगिताओं में उन्होंने पदक जीते. अब टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo paralympic 2021) में सिल्वर मेडल जीतकर सफलता का डंका बजा दिया है. 

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आपको बता दें कि डीएम सुहास का जीवन कभी आसान नहीं रहा. उनका जन्म कर्नाटक के शिमोगा में हुआ. पैदा होते ही उनके पैर खराब हो गए. शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई. उनके पिता की नौकरी ट्रांसफर वाली थी इसलिए विभिन्न शहरों में रहकर पढ़ाई पूरी की. बिना पैरों के जीवन में आगे बढ़ रहे थे कि वर्ष 2005 में उनके पिताजी का देहांत हो गया. पिता की मौत की बाद अकेले दम पर ही यूपीएससी की तैयारी की और आईएएस बने. डीएम सुहास एलवाई (DM Suhas LY) उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, सोनभद्र, जौनपुर, हाथरस, प्रयागराज जैसे जिलों में तैनात रह चुके हैं. पिछले साल मार्च में उन्हें गौतमबुद्ध नगर में डीएम की जिम्मेदारी दी गई. 

डीएम सुहास एलवाई (DM Suhas LY) की सफलता के बाद पीएम मोदी ने उनका फोटो ट्वीट करते हुए उन्हें बधाई दी है. पीएम ने लिखा कि सेवा और खेल का अद्भुत संगम! सुहास यथिराज ने अपने असाधारण खेल की बदौलत हमारे पूरे देश को खुश कर दिया. बैडमिंटन में सिल्वर जीतने पर उन्हें बधाई. उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.  वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है.