IPL 13 : vivo के जाने और Dream 11 के आने से कितना होगा फायदा, नुकसान
फैंटेसी लीग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 इस साल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर होगा. इस साल लीग का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में होना है.
New Delhi:
फैंटेसी लीग प्लेटफॉर्म ड्रीम11 (Dream 11 IPL) इस साल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल (IPL 2020) का टाइटल स्पॉन्सर होगा. इस साल लीग का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (IPL in UAE) में होना है. आईपीएल का 13वां सीजन यूएई में 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक होना है. मंगलवार दोपहर बाद बीसीसीआई (BCCI) की ओर से ऐलान किया गया कि आईपीएल 2020 का टाइटल स्पांसरशिप ड्रीम11 को सौंप दिया है. बीसीसीआई को जहां टाइटल स्पांसरशिप के लिए वीवो से हर साल 440 करोड़ रुपये मिला करते थे, वहीं ड्रीम11 को इसके लिए तकरीबन 250 करोड़ रुपये खर्च करना होगा. बीसीसीआई ने 10 अगस्त को टाइटल स्पांसरशिप के लिए टेंडर मांगे थे. चाइनीज मोबाइल कम्पनी वीवो के हटने के बाद टाइटल स्पांसरशिप की जगह खाली हुई थी. वीवो को चीन के साथ खराब कूटनीतिज्ञ रिश्तों के कारण बीसीसीआई से अलग होना पड़ा था. लेकिन अब सवाल यही है कि वीवो के जाने और ड्रीम 11 के आने से क्या बीसीसीआई और आईपीएल को कुछ नुकसान होगा या नहीं.
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वैसे देखा जाए तो बीसीसीआई बहुत कम समय में एक टाइटल स्पॉन्सर खोजने में सफल रहा है, लेकिन उसे इससे मिलने वाली रकम वीवो की तुलना में कम है. इस बारे में बात करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में ऐसी ही उम्मीद थी. जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि मौजूदा बोली वीवो के करीब पहुंचेगी वे मौजूदा आर्थिक माहौल से अनजान थे. टाटा समूह ने भले ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दाखिल किया था लेकिन वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे. उद्योग के अंदरूनी सूत्र ने बताया कि बीसीसीआई टाटा की मौजूदगी चाहता था, क्योंकि उससे विश्वसनीयता काफी बढ़ती. बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि ड्रीम11 के करार से मिलनी वाली आधिकारिक प्रायोजन राशि के अलावा अनएकेडमी और भुगतान ऐप के प्रायोजन पूल में आने से घाटा काफी हद तक कम हो जाएगा. इन दोनों कंपनियों ने बीसीसीआई को प्रायोजन के लिए 40-40 करोड़ रुपये दिए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि बोर्ड को कुल 302 करोड़ रुपये मिलेंगे. बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार महीने के समय को सोच कर देखिये और आपको लगेगा कि इतने कम समय के लिए यह खराब सौदा नहीं है.
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एमएस धोनी हैं ड्रीम 11 के ब्रॉड एम्बेस्डर
टीवी पर आने देखा ही होगा कि एमएस धोनी ड्रीम 11 के ब्रॉड एम्बेस्डर हैं. ऐसे में अब एक सवाल यह भी है कि क्या इस दौरान ड्रीम11 विराट कोहली के तस्वीर का इस्तेमाल कर पाएगा. ड्रीम11 को इस दौरान प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ खिलाड़ियो के व्यक्तिगत करार को देखना होगा. ऐसी ही एक कंपनी है मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जिसके ब्रांड एम्बेस्डर भारतीय कप्तान विराट कोहली हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नहीं, हमें खिलाड़ियों के छवि अधिकारों के नियमों को देखना होगा. लेकिन अगर बीसीसीआई के करार में कोई हितधारक शामिल है, तो केंद्रीय अनुबंध प्राप्त खिलाड़ियों को इसके समर्थन के लिए उपलब्ध होना होगा. उन्होंने फिर समझाया कि परिधान प्रायोजकों के साथ हमेशा यह मुद्दा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से नाइकी टीम इंडिया की जर्सी की प्रायोजक रही है लेकिन कई ऐखे खिलाड़ी है जो जेवेन का प्रचार कर रहे थे, रोहित शर्मा एडिडास और विराट कोहली पूमा के साथ हैं. मुझे लगता है कि इसमें कोई समस्या नहीं होगी. नाइकी ने जब टीम का नया जर्सी जारी किया था तब सभी टॉप खिलाड़ियों ने उसका समर्थन किया था. वे अपने व्यक्तिगत ब्रांड का भी प्रचार करते हैं.
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