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BCCI अध्‍यक्ष सौरव गांगुली और जय शाह पर आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जयशाह के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की संभावना है.नियमों के हिसाब से देखें तो सौरव गांगुली का कार्यकाल इस महीने यानी जुलाई के आखिर में खत्‍म हो रहा है,

Updated on: 22 Jul 2020, 07:34 AM

New Delhi:

बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जयशाह (Jai Shah) के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई की संभावना है. बीसीसीआई (BCCI) की ओर से दायर याचिका में संविधान संशोधन करने और सौरव गांगुली व जयशाह को अनिवार्य कुलिंग ऑफ पीरियड में जाने की बजाय अपने पद पर बने रहने की बात कही गई है. इसी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की संभावना है. माना जा रहा है कि आज ही दोपहर बाद या फिर शाम तक इस पर बड़ा फैसला आ सकता है. इसके साथ ही एक अच्‍छी खबर यह है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) (IPL) स्पॉट फिक्सिंग के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने ने कहा है कि जब यह मामला सुनवाई के लिए आएगा तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा. नियमों के हिसाब से देखें तो सौरव गांगुली का कार्यकाल इस महीने यानी जुलाई के आखिर में खत्‍म हो रहा है, वहीं जयशाह को कार्यकाल को खत्‍म भी हो गया है. यह फैसला ऐसे वक्‍त में आ रहा है, जब बीसीसीआई आईपीएल 2020 की तैयारियों में जुटी हुई है. 

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बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव आदित्‍य वर्मा 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले के मूल याचिकाकर्ता हैं. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल का गठन किया, जिसकी सिफारिशों पर दुनिया के सबसे धनी बोर्ड के संविधान में आमूलचूल सुधार किए गए. बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है. बीसीसीआई सौरव गांगुली और जय शाह ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल नौ महीने बचे थे. आदित्‍य वर्मा ने कहा कि बोर्ड में स्थायित्व के लिए सौरव गांगुली और जय शाह का बने रहना जरूरी है. आदित्‍य वर्मा ने कहा कि मैं शुरू से कहता रहा हूं कि सौरव गांगुली बीसीसीआई की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. मेरा मानना है कि बीसीसीआई में स्थायित्व के लिए दादा और जय शाह का पूरे कार्यकाल तक बने रहना जरूरी है.

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उन्होंने कहा, अगर दादा बीसीसीआई अध्यक्ष पद बने रहते हैं तो मैं सीएबी की तरफ से उनका विरोध नहीं करूंगा. इन नौ महीनों से चार महीने पहले ही कोरोना वायरस के कारण गंवा दिए गए हैं और किसी भी प्रशासक को अपनी योजनाओं और नीतियों को लागू करने के समय चाहिए होता है. सौरव गांगुली के छह साल इस महीने के आाखिर में पूरे होंगे जबकि माना जा रहा है कि शाह ने कार्यकाल पूरा कर लिया है.

(इनपुट भाषा)