बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) बतौर क्रिकेटर तो महान रहे ही हैं, बतौर बीसीसीआई प्रेसीडेंट भी हमेशा चर्चा में बने रहे हैं. कभी उनके कार्यकाल की तारीफ हुई तो कई बार आलोचना भी हुई. हाल ही में एक मीडिया कार्यक्रम में सौरव गांगुली से जब पूछा गया कि बतौर बीसीसीआई प्रेसीडेंट उनका कार्यकाल कैसा रहा तो उन्होंने ऐसा उत्तर दिया, जिसकी ज्यादातर लोगों ने कल्पना नहीं की थी. बतौर बीसीसीआई प्रेसीडेंट पिछले दिनों विराट कोहली की कप्तानी को लेकर विरोधाभासी बयान भी सामंने आए थे.
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बता दें कि सौरव गांगुली साल 2019 में बीसीसीआई प्रेसीडेंट बने थे. इससे पहले सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं. सौरव गांगुली ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बतौर खिलाड़ी, बतौर कप्तान और बतौर बीसीसीआई प्रेसीडेंट, तीनों ही भूमिकाओं में सुर्खियां बटोरीं. सौरव गांगुली ने साल 1992 में इंग्लैंड के खिलाफ इंटरनेशनल वनडे में डेब्यू किया, वहीं साल 1996 में इंग्लैंड के ही खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. साल 2008 में सौरव गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट मैच खेला जबकि साल 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम वनडे मैच खेला. इस दौरान सौरव गांगुली कई साल कप्तान भी रहे. इसके बाद साल 2019 में उन्हें बीसीसीआई प्रेसीडेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई.
हाल ही में सौरव गांगुली से एक मीडिया कार्यक्रम में बात हुई तो उन्होंने महिला क्रिकेटरों और घरेलू क्रिकेट पर काफी ध्यान देने की बात कही. साथ ही ये भी कहा कि उनका ज्यादातर कार्यकाल कोविड से प्रभावित रहा. जब उनसे पूछा गया कि आपको अपना कार्यकाल कैसा रहा तो उन्होंने कहा कि मेरा कार्यकाल कैसा रहा है, इसका फैसला जनता करेगी, आप लोग करेंगे. बता दें कि हाल ही में विराट कोहली के कप्तानी के मामले को लेकर सौरव गांगुली विवादों में भी रहे.