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शशांक मनोहर के इस्‍तीफे से IPL 2020 का रास्‍ता साफ, सौरव गांगुली हो सकते हैं अध्‍यक्ष

शशांक मनोहर ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद छोड़ दिया. इसके साथ ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया, जिस दौरान भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी में अपना प्रभाव खोया.

Updated on: 02 Jul 2020, 07:42 AM

Dubai:

शशांक मनोहर ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) (ICC) के पहले स्वतंत्र चेयरमैन का पद छोड़ दिया. इसके साथ ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया, जिस दौरान भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने आईसीसी (ICC) में अपना प्रभाव खोया. शशांक मनोहर (Shashank Manohar) ने नवंबर 2015 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभाला था. अब उप चेयरमैन हांगकांग के इमरान ख्वाजा (Imran Khawaja) अंतरिम चेयरमैन होंगे. आईसीसी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है. आईसीसी बोर्ड ने बैठक की और सहमति जताई कि उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा उत्तराधिकारी के चयन तक चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाएंगे. आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है. 

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इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स और भारत के सौरव गांगुली आईसीसी चेयरमैन पद के मुख्य दावेदार हैं. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की दावेदारी हालांकि इस बात पर निर्भर करती है सुप्रीम कोर्ट उन्हें लोढा समिति के प्रशासनिक सुधारवादी कदमों के तहत अनिवार्य ब्रेक में छूट देकर बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने का मौका देता है या नहीं. क्रिकेट वेस्टइंडीज के पूर्व प्रमुख डेव कैमरन, न्यूजीलैंड के ग्रेगोर बार्कले, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के क्रिस नेनजानी भी इस पद को लेकर रुचि दिखा चुके हैं. मौजूदा संविधान के अनुसार सौरव गांगुली राज्य और बीसीसीआई में पदाधिकारी के तौर पर छह साल का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है और वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए दावेदारी पेश करने के पात्र हैं. आईसीसी के नियमों के अनुसार मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे, क्योंकि स्वतंत्र चेयरमैन के लिए अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है.

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पेशे से वकील 62 साल के शशांक मनोहर इससे पहले दो बार बीसीसीआई अध्यक्ष रहे. वह पहले 2008 से 2011 तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे और फिर अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक दोबारा इस पद पर काबिज हुए. दूसरे कार्यकाल का एक हिस्सा आईसीसी चेयरमैन पद के दौरान रहा. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने शशांक मनोहर को उनकी नेतृत्व क्षमता और आईसीसी चेयरमैन के रूप में उन्होंने खेल के लिए जो भी किया उसके लिए धन्यवाद दिया.

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मनोहर के पद छोड़ने का समय बीसीसीआई के लिए इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकता था, क्योंकि भारतीय बोर्ड अक्टूबर-नवंबर के दौरान आस्ट्रेलिया में आईसीसी T20 विश्व कप की जगह इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन की योजना बना रहा है. बीसीसीआई को कोई बड़ा पदाधिकारी प्रतिक्रिया के लिए तैयार नहीं है, लेकिन एन श्रीनिवासन के समय से ही भारतीय बोर्ड के साथ मनोहर के कड़वे रिश्तों को देखते हुए कोई भी उनके जाने से नाखुश नहीं है. स्थिति की जानकारी रखने वालों का मानना है कि नए चेयरमैन के साथ बीसीसीआई के बेहतर कामकाजी रिश्ते हो सकते हैं और अगर वह सौरव गांगुली होते हैं तो यह सोने पर सुहागे की तरह होगा. दो आईसीसी टूर्नामेंट (2021 टी20 विश्व कप और 2023 एकदिवसीय विश्व कप) में कर छूट से जुड़ा मुद्दा भी एजेंडे में होगा. बीसीसीआई साथ ही चाहेगा कि राजस्व साझेदारी मॉडल पर दोबारा गौर किया जाए क्योंकि मनोहर की अध्यक्षता में आईसीसी ने बिग थ्री मॉडल रद कर दिया था. बिग थ्री मॉडल आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को आईसीसी का अधिकांश राजस्व मिलना था लेकिन 2017 की बोर्ड बैठक में इसके खिलाफ मतदान हुआ. आईसीसी के विज्ञापन राजस्व का भारत सबसे बड़ा बाजार होने के बावजूद वैश्विक संस्था की वित्त एवं व्यावसायिक मामलों की समिति में बीसीसीआई का फिलहाल कोई प्रतिनिधि नहीं है.