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रोहित शर्मा, चेतेश्‍वर पुजारा और पीयूष चावला के लिए इस खिलाड़ी ने BCCI को लिखा था, जानिए क्‍यों

आज की टीम इंडिया की बात करें तो हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा टीम के नियमित सदस्‍य हैं. पहले तो वे वन डे और T20 ही खेलते थे, लेकिन अब वे टेस्‍ट में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं.

Updated on: 13 Jun 2020, 11:21 AM

New Delhi:

आज की टीम इंडिया (Team India) की बात करें तो हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) टीम के नियमित सदस्‍य हैं. पहले तो वे वन डे और T20 ही खेलते थे, लेकिन अब वे टेस्‍ट में भी अपना जलवा दिखा चुके हैं. वैसे तो रिकार्ड बनाने के लिए कप्‍तान विराट कोहली (Virat Kohli) का नाम लिया जाता है, लेकिन कई रिकार्ड ऐसे हैं, जो विराट कोहली नहीं बल्‍कि रोहित शर्मा के नाम पर हैं. वहीं अगर टेस्‍ट टीम की बात करें तो राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बाद मिस्‍टर भरोसेमंद के तौर पर अगर किसी की पहचान होती है तो उसका नाम चेतेश्‍वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ही है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि रोहित शर्मा, चेतेश्‍वर पुजारा के अलावा पीयूष चावला की सबसे पहले पहचान किसने की थी. यही नहीं, इसके अलावा टीम इंडिया के सर्वश्रेष्‍ठ फील्‍डरों में से एक रविंद्र जडेजा भी भारतीय टीम के तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद की खोज रहे हैं. 

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पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद 90 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य सदस्य थे. इसके अलावा वह 2006 में अंडर-19 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम के कोच थे, जिनके मार्गदर्शन में टीम उपविजेता बनी थी. रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, पीयूष चावला और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी उस समय वेंकटेश प्रसाद की छत्रछाया में थे. वेंकटेश प्रसाद ने अब 14 साल बाद एक बार फिर से अपने कोचिंग के दिनों को याद किया है.

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वेंकटेश प्रसाद ने फैन कोड से कहा कि मुझे इन तीनों खिलाड़ियों पीयूष चावला, चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा की प्रतिभा और उनकी योग्यता पर कोई शक नहीं था. प्रसाद ने बताया कि मुझे पता था कि ये बहुत लंबा सफर तय करने जा रहे हैं. यहां तक कि, जब अंडर-19 विश्व कप (2006) खत्म हो गया था तो मैंने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई को लिखा था कि इन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी या जोन मैचों में खेलने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने रविंद्र जडेजा को लेकर कहा कि रवींद्र जडेजा में निश्चित रूप से प्रतिभा थी और उन्हें जो करना था वह अपनी क्षमता पर, अपने कौशल पर और अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत थी. लार पर प्रतिबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए इसने काफी महत्वपूर्ण बना दिया है. प्रसाद ने कहा, मुझे लगता है कि गेंदबाजों, तेज गेंदबाजों और खासकर स्पिनरों के लिए यह महत्वपूर्ण हो गया है. इसलिए अब आपको गति से और 140 या 145 से ज्यादा गति से गेंदें फेंकने की जरूरत है.

(इनपुट आईएएनएस)