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Rishabh Pant Accident: 'मैं ऋषभ पंत हूं', जब गंभीर रूप से घायल क्रिकेटर ने बस ड्राइवर से कहा

सुशील कुमार ने मीडिया से कहा, 'मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं. मैं हरिद्वार से आ रहा था.

Updated on: 30 Dec 2022, 03:57 PM

नई दिल्ली:

Rishabh Pant Car Accident: टीम इंडिया (Team India) के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत का शुक्रवार सुबह बड़ा एक्सीडेंट हो गया है. पंत का यह एक्सीडेंट शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे हुआ जब वह रूड़की से दिल्ली आ रहे थे. वह इस हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए हैं. हालांकि उनका हालत अभी स्थिर है. पंत का जब एक्सीडेंट हुआ उसके बाद सबसे पहले बस ड्राइवर सुशील कुमार उनके पास पहुंचे थे. सुशील कुमार ने मीडिया से बताया कि पंत बुरी तरह घायल थे और खून से लथपथ थे. उन्होंने पंत को उठाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया और एंबुलेंस को फोन किया. 

सुशील कुमार ने मीडिया से कहा, 'मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं. मैं हरिद्वार से आ रहा था. जैसे ही हम नारसन के पास पहुंचे 200 मीटर पहले. मैंने देखा दिल्ली की तरफ से कार आई और करीब 60-70 की स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई. टकराने के बाद कार हरिद्वार वाली लाइन पर आ गई. मैंने देखा कि अब बस भी टकरा जाएगी. हम किसी को बचा ही नहीं सकेंगे. क्योंकि मेरे पास 50 मीटर का ही फासला था. मैंने तुरंत सर्विस लाइन से हटाकर गाड़ी फर्स्ट लाइन में डाल दी. वो गाड़ी सेकंड लाइन में निकल गई. मेरी गाड़ी 50-60 की स्पीड में थी. मैंने तुरंत ब्रेक लगाया और खिड़की साइड से कूदकर गया.' 

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बस ड्राइवर सुशील ने बताया, 'मैंने देखा उस आदमी (ऋषभ पंत) को. वो जमीन पर पड़ा था. मुझे लगा वो बचेगा ही नहीं. कार में चिंगारियां निकल रही थीं. उसके पास ही वो (पंत) पड़ा था. हमने उसे उठाया और कार से दूर किया. मैंने उससे पूछा- कोई और है कार के अंदर. वो बोला मैं अकेला ही था. फिर उसी ने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं. मैं क्रिकेट के बारे में इतना जानता नहीं. उसे साइड में खड़ा किया. उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उसे लपेट दिया.' 

सुशील ने आगे कहा, 'उसी ने हमें बताया था कि मैं क्रिकेटर ऋषभ पंत हूं. उसने कहा कि उसके पैसे भी गिर गए हैं. तो हमने आसपास पड़े उसके 7-8 हजार रुपये इकट्ठा किए और उसे दिए. मेरे कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन किया. मैंने पुलिस और नेशनल हाईवे को फोन लगाया. 15-20 मिनट के बाद एम्बुलेंस आ गई, तो उन्हें बैठाकर अस्पताल भेज दिया. वो (पंत) खून से लथपथ था और लंगड़ा कर चल रहा था. हमने वीडियो नहीं बनाया. उसकी जान बचाना जरूरी समझा.' 

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