logo-image

क्रिकेट को बनाए रखने के लिए अन्य बोर्डों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं: बीसीसीआई

एक अन्य बोर्ड के कार्यकारी ने इस बात को माना कि इस महामारी के कारण आए वित्तीय संकट से निपटने के लिए ईसीबी और बीसीसीआई को आगे आना होगा.

Updated on: 08 May 2020, 04:46 PM

नई दिल्ली:

क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने साफ कर दिया है कि इस साल के अंत में भारत का आस्ट्रेलिया दौरा उसके लिए कोरोनावायरस के बाद आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लिए कितना अहम है. और, अब बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने सीए को यह कहते हुए बड़ी राहत दी है कि आस्ट्रेलिया में जाने के बाद दो सप्ताह का क्वारेंटीन बड़ी समस्या नहीं होगा.

इसी तरह बीसीसीआई कोरोनावायरस के बाद बाकी अन्य बोडरें के साथ काम करने को लेकर विचार कर रही है. इस संबंध में रास्ता साफ है कि आईसीसी के सदस्य चाहते हैं कि भारत इस मुश्किल समय के बाद आगे बढ़कर नेतृत्व करे और वो ऐसा ही करने वाला है ताकि वह सिर्फ रेवेन्यू अपने ही लिए नहीं कमाए बल्कि बाकी के अन्य बोर्डो की भी इसमें मदद करें.

ये भी पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका का ये खिलाड़ी कोरोना वायरस से संक्रमित, टीबी के साथ-साथ किडनी भी है खराब

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि बाकी के सदस्य देशों का साथ देना हमेशा से भारतीय बोर्ड की चाहत रहती है और अब जबकि कुछ निश्चित एरिया में बदलाव होना है तो बीसीसीआई इस बात को सुनिश्चित करेगी कि एक बार जब खेल शुरू हो जाए तो उसे वो जरूरी मदद मिलती रहे जो उसे चाहिए.

अधिकारी ने कहा, "आईसीसी में स्थिति बदली है और बीसीसीआई वही करेगी है जो वो हमेशा से करना चाहती है और वह है बाकी के बोडरें के साथ खेल को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना. मुझे लगता है कि कुछ बोर्ड सोच रहे होंगे कि उन्हें कुछ निश्चित लोगों ने अपने फायदे के लिए उपयोग में लिया. इसलिए यह जरूरी है संस्थान के सम्मान के लिए कानूनी (डी जूरे) लीडरशिप उसी के पास होनी चाहिए जो वास्तविक (डी फैक्टो) लीडर हो."

ये भी पढ़ें- 15 साल पहले ऐसे दिखते थे करोड़ों दिलों पर राज करने वाले धोनी, चेन्नई सुपरकिंग्स ने शेयर की फोटो

इसी बात को धूमल ने सिडनी मॉर्निग हेराल्ड और द एज से भी कहा था. उन्होंने कहा, "इसमें कोई विकल्प नहीं है. हर किसी को यह करना होगा. आप क्रिकेट शुरू करना चाहते हैं, दो सप्ताह ज्यादा बड़ी बात नहीं है. जब आप इतने लंबे समय के लिए क्वारंटीन में रहते हो और फिर दूसरे देश में जाते हो और आपको दो सप्ताह लॉकडाउन में रहना पड़ता है तो किसी भी खिलाड़ी के लिए यह सही होगा. हमें देखना होगा कि लॉकडाउन के बाद क्या नियम होते हैं."

एक अन्य बोर्ड के कार्यकारी ने इस बात को माना कि इस महामारी के कारण आए वित्तीय संकट से निपटने के लिए ईसीबी और बीसीसीआई को आगे आना होगा.

कार्यकारी ने आईएएनएस से कहा, "बीसीसीआई और ईसीबी को एक साथ आना होगा और इस मुश्किल स्थिति में से खेल को बाहर निकालना होगा. आपको समझना होगा कि इस समय सदस्य बोर्ड चाहते हैं कि भारत और इंग्लैंड की टीम हर किसी के साथ खेले ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान की भरपाई करने में मदद मिले और इसके लिए आपको बीसीसीआई से मजबूत नेतृत्व की जरूरत है."